लखनऊ। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने कोलकाता में महागठबंधन की रैली में मुसलमानों के प्रतिनिधित्व और चेहरे के नहीं होने पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कोलकाता के मंच पर राजनीतिक दृष्टि से बहस तो बहुत हुई, लेकिन देश को कहां ले जाया गया और कहां ले जाना चाहिए? इस पर बात नहीं हुई. देश की दूसरी आबादी बड़ी आबादी, जिसे धार्मिक अल्पसंख्यक कहते हैं, उनका प्रतिनिधित्व मात्र इतना हुआ कि एक साहब कश्मीर से थे और एक साहब असम से थे.
आजम खान ने कहा कि मैं उन दोनों के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करूंगा, लेकिन देश की दूसरी बड़ी आबादी का कोई प्रतिनिधि तो वहां नहीं था, इससे दूसरी बड़ी आबादी चिंतित है. मायूस है कि बदलते हुए हालात में भी उनकी मौजूदगी नहीं है. बता दें, इस मेगा रैली में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता किरणमय नंदा और राजेंद्र चौधरी के साथ मौजूद थे.
कार्यक्रम में उनके साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के अलावा मुस्लिम समुदाय से ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) प्रमुख बदरुद्दीन अजमल मौजूद थे.
आजम ने महारैली पर उठाए सवाल
सपा-बसपा के गठबंधन पर आजम खान ने कहा कि हम गठबंधन का स्वागत करते हैं. हम लोग पक्षधर हैं. गठबंधन रहे. मजबूत रहे. देश में बदलाव आए. जो आर्थिक बर्बादी देश की हुई है, उससे देश उभरकर सामने आए, लेकिन कोलकाता में जिस प्रकार से महारैली हुई है, उसमें जितना संदेश जाना चाहिए था वह नहीं गया. देश की 130 करोड़ जनता में कम से कम 50 संदेश जाना चाहिए था.
विधायक के बयान पर माफी मांगे बीजेपी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री
बीजेपी विधायक साधना सिंह के अमर्यादित बयान पर आजम खान ने कहा कि दलित नेता मायावती जी पर इतनी शर्मनाक टिप्पणी करने के बाद भारतीय जनता पार्टी को शर्मिंदा होना चाहिए. बीजेपी ने मायावती का अपमान किया है. इतनी अभद्र टिप्पणी का प्रधानमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को संज्ञान लेना चाहिए. दोनों नेताओं को जनता से माफी भी मांगनी चाहिए.
मुसलमानों को भी मिले आरक्षण
पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान ने मुसलमानों के लिए भी आरक्षण की मांग की और कहा कि देश की दूसरी बड़ी आबादी को भी शैक्षिक आर्थिक आधार पर अलग से आरक्षण मिलना चाहिए.
ईवीएम पर आजम ने कहा, पर्ची निकलनी चाहिए
ईवीएम के सवाल आजम खान ने कहा कि अगर वोट देने के बाद जिस पर्ची निकलने की बात की जा रही है, अगर वह हो जाता है तो जिसे कल का विपक्ष और आज की सत्ता कहते हैं, उसको फायदा होगा.
शनिवार को हुई थी ममता की मेगा रैली
बता दें, शनिवार को कोलकाता के बिग्रेड मैदान में ममता बनर्जी की अगुवाई पर विपक्षी दलों की मेगा रैली थी. इस रैली में करीब 22 पार्टियों के 40 से अधिक नेताओं ने हिस्सा लिया. सभी नेताओं ने मोदी सरकार पर दंगा फसाद कराने का आरोप लगाया. सबने मिलकर मोदी हटाओ का नारा दिया था.