ईटानगर/नई दिल्ली: स्थायी निवास प्रमाणपत्र (PRC) के मुद्दे पर अरुणाचल प्रदेश में जारी विरोध प्रदर्शन ने भीषण हिंसा का स्वरूप ले लिया है. रविवार को प्रदेश के हालात इतने खराब हो गए थे कि प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चोवना मेन का घर ही जला दिया. केंद्र और राज्य सरकार की ओर से हालात को काबू में करने की कोशिशें जारी हैं, लेकिन हालात लगातार बेकाबू होते जा रहे हैं. अभी भी पूरे राज्य में इंटरनेट सस्पेंड किया हुआ है और कई जिलों में धारा 144 लागू की गई है. पुलिस फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई घायल हैं.
हालात को देखते हुए अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने लोगों से अपील की है कि वह भविष्य में भी कभी इस मुद्दे की बात नहीं करेंगे. उन्होंने प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि वह उनकी मांग को 22 फरवरी को ही मान लिया गया था, ऐसे में अब वह प्रदर्शन ना करें. सीएम ने कहा कि सभी तरह के प्रदर्शन और धरने को बंद करें.
हिंसक हुए प्रदर्शनकारियों की नाराजगी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री पेमा खांडू अपना इस्तीफा भी दे सकते हैं. ईटानगर में कानून-व्यवस्था की स्थिति को बहाल करने के लिए ITBP की 6 कंपनियों को तैनात किया गया है.
बिगड़ते जा रहे हैं हालात
प्रदर्शनकारी लगातार वाहनों को जला रहे हैं, इसके अलावा दुकानों और शॉपिंग मॉल को भी लूटा जा रहा है. वहीं नाहरलागुन हाईवे पर प्रदर्शनकारी रास्ता रोके हुए हैं. ITBP की फायरिंग में मारे गए छात्र के शव के साथ हजारों लोग ईटानगर के इंदिरा गांधी पार्क में जुटे हुए हैं. वे अंतिम संस्कार के लिए वहां पर खुदाई कर रहे हैं.
सभी प्रदर्शनकारी हाईवे पर पत्थरों के साथ खड़े हैं, सुरक्षाबलों में किसी भी तरह की हरकत होते ही ये लोग पत्थरबाजी भी कर रहे हैं. हालात इतने बिगड़ते जा रहे हैं कि राज्यपाल, मुख्यमंत्री, नेताओं की अपील भी काम नहीं आ रही है.
‘तनावपूर्ण है स्थिति’
अरुणाचल प्रदेश के गृहमंत्री कुमार वई के मुताबिक, “स्थिति बहुत तनावपूर्ण व अनियंत्रित है. राज्य हालात को शांत करने के लिए सभी कदम उठा रहा है. ” बता दें कि प्रदर्शनकारियों ने ईटानगर व नाहरलागुन में दो पुलिस थानों को फूंक दिया व तोड़फोड़ की, एक पुलिस अधीक्षक के घायल होने की सूचना है.
मामला क्या है?
गौरतलब है कि 6 आदिवासी समुदायों को स्थायी निवासी प्रमाण पत्र (PRC) देने के प्रस्ताव के खिलाफ बुलाए गए बंद के दौरान प्रदेश के कुछ हिस्सों में लोग सड़क पर उतर आए थे. इस दौरान पुलिस की गोलीबारी में शनिवार को 2 व्यक्ति की मौत हो गई थी. तभी से ही राज्य के हालात बिगड़ते जा रहे हैं. हालांकि, रविवार को ही सर्वदलीय बैठक में फैसला लिया गया है कि PRC के मुद्दे पर सरकार अभी कोई भी फैसला नहीं ले रही है, जो भी सिफारिश की गई थी उसे वापस ले लिया गया है.