लखनऊ। 2015 में गोमांस रखने के शक में पीट-पीटकर मार दिए गए अखलाक के परिवार का नाम वोटर लिस्ट से गायब है. दादरी बिसहाड़ा गांव में अखलाक के पूरे परिवार का नाम वोटर लिस्ट में नहीं है. ब्लॉक स्तर के अधिकारियों का कहना है बीते कई महीने से अखलाक के घर में कोई सदस्य नहीं रह रहा था जिसकी वजह से वोटर लिस्ट में उनका नाम नहीं है. वोटिंग लिस्ट में नाम न होने की जानकारी तब सामने आई जब परिवार के लोग वोट डालने मतदान स्थल पर पहुंंचे.
गोमांस रखने की अफवाह की वजह से लोगों ने अखलाक नाम के शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इस घटना में मृतक के बेटे को भी गंभीर चोट आई थी. जिसके बाद यूपी के तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए जांच के आदेश दिए थे.
अखलाक हत्याकांड में उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा था कि हत्या बीफ की अफवाह के चलते की गई थी. जिसके मुख्य आरोपी विशाल और शिवम नामक दो व्यक्ति हैं. इस मामले में 15 लोगों के खिलाफ चार्जशीट तैयार की गई जिसमें दो नाबालिग भी शामिल थे. लेकिन बाद में पाया गया कि एक किशोर नाबालिग नहीं था.
एसपी संजय ने हत्या का मकसद बताते हुए कहा था कि यह हत्याकांड गौ मांस की अफवाह के चलते हुआ. अफवाह की वजह से ही भीड़ ने अखलाक के घर पर हमला कर दिया था, जिसमें अखलाक को मार दिया गया जबकि दानिश को बुरी तरह से पीटा गया था.
इस पूरे मामले का मुख्य आरोपी विशाल भाजपा के एक स्थानीय नेता का बेटा है. विपक्षी दलों ने इस हत्याकांड पर बीजेपी की खूब आलोचना की थी.
यह है घटनाक्रम
28 सितंबर, 2015: यूपी के दादरी के बिसहड़ा गांव में मो. अखलाक को घर में बीफ रखने के आरोप में कुछ लोगों ने हत्या कर दी.
6 अक्टूबर, 2015: केंद्र सरकार को भेजे गए रिपोर्ट में यूपी सरकार ने अखलाक के घर मिले मीट के सैम्पल बकरे का मांस बताया था.
24 दिसंबर, 2015: यूपी पुलिस ने चार्जशीट दाखिल किया. इसमें 15 लोगों को नामजद करते हुए बीफ को अफवाह बताया.
31 मई, 20016: मथुरा की फोरेंसिक लैब रिपोर्ट ने पुष्टि की कि अखलाक के फ्रिज से लिया गया मीट का सैंपल गौमांश ही था.
9 जून, 2016: मथुरा लैब की रिपोर्ट के आधार पर बिसाहड़ा के लोगों ने कोर्ट में अखलाक के परिवार के केस दर्ज करने की मांग की थी.
14 जुलाई, 2016: स्थानीय अदालत ने अखलाक के परिजनों के खिलाफ गोहत्या का केस दर्ज करने का आदेश दिया था.
16 सितंबर, 2016: अखलाक के परिजनों के खिलाफ गोहत्या मामले में आईपीसी की धारा 3/8 और 3/11 के तहत केस दर्ज.
27 सितंबर, 2016: यूपी पुलिस ने फिर कहा है कि अभी तक अखलाक के परिवार द्वारा गोकशी करने का कोई प्रामाणिक सबूत नहीं मिला.