लखनऊ। 2014 के बाद 2019 में भी लखनऊ ने नरेंद्र मोदी के लिए दिल्ली का रास्ता आसान कर दिया है. समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी व राष्ट्रीय लोकदल का महागठबंधन होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी राज्य की 80 में 62 सीटें अपने दम पर जीतने में कामयाब रही है, जबकि दो सीटें उसकी सहयोगी अपना दल को मिली हैं. दलित-यादव-जाट वोट बैंक और मुस्लिमों के समर्थन वाले तीन दलों के महागठबंधन को महज 15 सीटों पर जीत मिली है. मायावती-अखिलेश यादव का यह वो प्रयोग था जिसकी सफलता सुनिश्चित मानी जा रही थी, लेकिन मोदी सुनामी में तमाम जातीय समीकरण काफूर हो गए हैं. हालांकि, इस सुनामी में यूपी के मुस्लिम महागठबंधन के लिए तारणहार बनकर उभरे हैं.
मायावती और अखिलेश यादव ने मिलकर मौजूदा लोकसभा चुनाव में कुल 10 मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे. सपा ने रामपुर से आजम खान, मुरादाबाद से एसटी हसन, संभल से डॉ शफीकुर्रहमान बर्क और कैराना से तबस्सुम हसन को टिकट दिए थे. जबकि बसपा ने अमरोहा से कुंवर दानिश अली, गाजीपुर से अफजाल अंसारी, सहारनपुर से हाजी फजलुर्रहमान, धौरहरा से अरशद इलियास सिद्दीकी, डुमरियागंज से आफताब आलम और मेरठ से हाजी याकूब कुरैशी को प्रत्याशी बनाया था.
महागठबंधन के इन 10 मुस्लिम प्रत्याशियों में से 6 ने जीत दर्ज की है. सहारनपुर से हाजी फजलुर्रहमान, मुरादाबाद से एसटी हसन, संभल के शफीकुर्रहमान बर्क, रामपुर से आजम खान, अमरोहा से कुंवर दानिश अली और गाजीपुर से अफजाल अंसारी ने जीत दर्ज की है.
दिलचस्प बात ये है कि सपा ने 37 सीटों पर चुनाव लड़कर 5 पर जीत दर्ज की है और इनमें से तीन सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी जीते हैं. बाकी दो सीटों पर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ही जीत पाए हैं. यहां तक कि अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव और उनके दोनों चचेरे भाई अक्षय और धर्मेंद्र यादव भी चुनाव नहीं जीत सके हैं.
महागठबंधन के ये 4 मुस्लिम प्रत्याशी हारे
वहीं, मेरठ से बसपा के टिकट पर लड़े हाजी याकूब कुरैशी बीजेपी के राजेंद्र अग्रवाल से महज 5 हजार के अंतर से बाजी हार गए. इसके अलावा उपचुनाव में कैराना से जीत दर्ज पूरे देश में चर्चा का केंद्र बनने वाली तबस्सुम हसन भी हार गई हैं. सपा के टिकट पर कैराना से लड़ीं तबस्सुम हसन 92160 मतों से हार बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप कुमार से हार गई हैं. इसके अलावा धौरहरा सीट से बसपा के अरशद इलियास सिद्दीकी (352294 वोट), डुमरियागंज से बसपा के आफताब आलम (386932 वोट) भी चुनाव हार गए हैं.
इस तरह महागठबंधन के 10 में से 6 मुस्लिम प्रत्याशी जीत गए हैं. जबकि एक प्रत्याशी बहुत ही कम अंतर से हारा है. एक दिलचस्प आकंड़ा ये भी है कि करीब 20 फीसदी मुस्लिम आबादी वाले यूपी की इन सभी सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की तादाद निर्णायक भूमिका में है. आजतक-एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में यह बात सामने आई है कि यूपी के मुस्लिमों का 76 फीसदी वोट महागठबंधन को गया है. फाइनल रिजल्ट में मोदी सुनामी के बावजूद 10 में से 6 प्रत्याशियों की जीत भी इस बात को इंगीत कर रही है कि मुस्लिमों ने बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन को जिताने में न सिर्फ मजबूत भूमिका निभाने का प्रयास किया है, बल्कि महागठबंधन की लाज भी बचाई है.