नाबालिग पीड़िता ने पुलिस और कोर्ट के समक्ष बताया है कि उसे संचालिका के कहने पर आरा, पटना और लखनऊ के कई सफेदपोश नेताओं व रसूखदारों के पास जिस्म परोसने के लिए ले जाया जाता था. पीड़िता ने कोर्ट में धारा 164 के कलम बंद बयान में बताया है कि सेक्स स्कैंडल की संचालिका अनिता देवी उसे एक विधायक, इंजीनियर और ठेकेदार के पास ले गई थी. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि वह विधायक कौन है और वो किस पार्टी का है.
इस बीच भोजपुर पुलिस ने पीड़िता के भाई की तहरीर पर एफआईआर दर्ज करके सेक्स रैकेट की संचालिका अनीता देवी समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस को दिए बयान में अनीता देवी ने कहा कि वह आरा के संदेश थाना के मनियछ गांव की रहने वाली है और उसका पति 2003 में ही तलाक ले चुका है. इसके बाद से वह आरा के कई लोगों के यहां झाड़ू पोछा का काम करती थी. आरा के बाद वह पटना बस स्टैंड के पास किराये के मकान में फिलहाल रहती थी, जहां पहले से परिचित आरा के रमगढ़िया मुहल्ले की रहने वाली लाली नामक एक महिला ने नाबालिक पीड़िता को लाया गया था.
अनीता की माने तो नाबालिग पीड़ित को लेकर वह आरा के नवादा थाना क्षेत्र के पकड़ी मुहल्ला स्थित एक इंजीनियर के घर और पटना सचिवालय के क्वार्टर नंबर-28 में ले गई थी. इसके बाद उसे एक होटल में ले गई थी, जहां उससे देह व्यापार कराया गया. इसके बाद पीड़ित नाबालिग, उसके (अनीता) घर से मोबाइल लेकर फरार हो गई थी, जिसकी खोजने में अनीता आरा आई और पुलिस के हत्थे चढ़ गई.
इस पूरे मामले में भोजपुर पुलिस का कोई भी अधिकारी बयान देने से बच रहा है. हालांकि, नाम न छापने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा चाहे वो कितना भी बड़ा रसूखदार क्यों न हो. इस बीच पीड़िता के बयान के आधार पर आरोपी इंजीनियर को पुलिस ने पहचान लिया है. फोटो के आधार पर पीड़िता ने इंजीनियर की पहचान कर ली है.
इस सेक्स रैकेट में सफेदपोश व रसूखदारों के नाम सामने आने के बाद बिहार के सियासी गलियारे में हचलच मच गई है. बहरहाल पीड़िता के बयान पर बिहार महिला आयोग ने भी संज्ञान लेते हुए इस पर कड़ी नजर बनाए हुई है.