अलीगढ़ पुलिस सवालों के घेरे में है. एक मुठभेड़ में पुलिस ने दो बदमाशों को मार गिराने का दावा किया है लेकिन उनके परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने बेगुनाहों को मार दिया है.
गुरुवार को हुए इस एनकाउंटर के दौरान मीडिया को भी पुलिस ने बुला लिया था. ये पूरी पुलिसिया कार्रवाई कैमरों में कैद हो गई. अब ये वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं.
जो वीडियो सामने आए हैं उनमें एसएसपी अजय साहनी और अन्य पुलिसवाले दिख रहे हैं. कुछ पुलिसवाले फायर करते हुए भी दिखाई दे रहे हैं. पूरा मूवमेंट कैमरों में कैद हो गया.
जो लोग इस मुठभेड़ में मारे गए हैं उनके नाम नौशाद और मुस्तकीम हैं. पुलिस इनको इनामी बदमाश बता रही है लेकिन इनका परिवार इन्हें निर्दोष बता रहा है.
अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का दावा है कि दोनों अपराधियों ने मरने से पहले अपने बयान में दो साधुओं की हत्या के मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है.
नौशाद की मां शाहीन का कहना है कि उसका बेटा पेशे से मजदूर था और पुलिस ने नौशाद तथा उसके बहनोई मुस्तकीम को पिछले रविवार को अतरौली क्षेत्र में अनेक लोगों के सामने जबरन उठा लिया था और मुठभेड़ के नाम पर दोनों को मार डाला.
एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि नौशाद और मुस्तकीम पर 25-25 हजार रुपये का इनाम था. इस मुठभेड़ में एक इंस्पेक्टर भी घायल हुआ है जिसका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है.
आपको बता दें कि पुलिस ने तीन साधुओं समेत हत्याओं के कुछ अन्य मामलों में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. उसी वक्त पुलिस ने बता दिया था कि गैंग के तीन अन्य सदस्य फरार हैं जिन पर 25-25 हजार का इनाम भी है.
12-13 अगस्त की रात को पाली मुकीमपुर में एक महंत, पुजारी की हत्या कर दी गई थी जबकि गंभीर रूप से एक को मरा समझकर गंभीर अवस्था में छोड़ दिया गया था.
26 अगस्त को अतरौली के गांव बहरावद में ट्यूबवेल पर सो रहे किसान और 14 सितंबर को हरदुआगंज के गांव कलाई के दुरैनी आश्रम में साधु और किसान दंपति की हत्या कर दी गई थी.
इस मामले में पुलिस ने एटा के पूर्व सभासद साबिर अली के साथ-साथ उसके नदीम, सलमान, यासीन और इरफान को गिरफ्तार किया था. इनके पास से कंट्री मेड 4 पिस्टल, कारतूस और नकदी भी मिली थी.