पटना। एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर लगातार बयान आ रहा है कि सीट शेयरिंग पर बात हो चुकी है. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि एनडीए के सहयोगी दलों के बीच भी किसी तरह की दिक्कत नहीं है. लेकिन हाल के ताज राजनीतिक घटनाक्रमों से ऐसा लग रहा है कि बिहार एनडीए में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा. एक बार फिर आरएलएसपी की ओर से सीट बंटवारे को लेकर नाराजगी जाहिर की गई है. आरएलएसपी ने शनिवार को बीजेपी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया और उसे जेडीयू का साथ छोड़ देने की सलाह दे डाली.
केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नागमणि ने शनिवार को कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर आरएलएसपी को चिढ़ाया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें एनडीए को छोड़कर महागठबंधन में जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है. नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए नागमणि ने कहा कि बीजेपी का यह दुर्भाग्य है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास कोई वोट बैंक नहीं है लेकिन उन्हें आकाश में घुमाया जा रहा है और आरएलएसपी को चिढ़ाया जा रहा है.
नागमणि सिंह ने कहा कि मौजूदा समय में नीतीश कुमार के पास केवल 1.5 फीसदी वोट है, लेकिन आरएलएसपी के पास 10 फीसदी वोट हैं. इसलिए अगर आरएलएसपी महागठबंधन के पार्टियों से हाथ मिला लेगी तो बीजेपी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा. उन्होंने बीजेपी को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें जेडीयू से छुटकारा पाना चाहिए. अगर जल्द ही ऐसा नहीं किया गया तो एनडीए पूरी तरह समाप्त हो जाएगा.
दरअसल, अगले लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए में बिहार की 40 सीटों के बंटवारे के लिए बीजेपी, लोकजनशक्ति पार्टी और जेडीयू में बातचीत चल रही है लेकिन अब तक इसमें रालोसपा को इस बातचीत में शामिल नहीं किया गया है.
सीट बंटवारे को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी दो दिन पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिल चुके हैं. वहीं, शुक्रवार को जेडीयू और एलजेपी के बीच भी सीट शेयरिंग और उम्मीदवारों को लेकर चर्चा की गई है. हालांकि इस बारे में बात साफ हुई है या नहीं इस बारे में नहीं बताया गया है. आरएलएसपी की नाराजगी को देखकर कयास लगाए जाने लगे हैं कि वह महागठबंधन से शामिल हो सकती है. महागठबंधन की ओर से पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को कई बार आमंत्रण भी दिया जा चुका है.