कुमार विश्वास का केजरीवाल पर हमला, कहा- षड्यंत्रकारी हत्यारों जैसा किया व्यवहार

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को नामांकन में देरी के बीच पार्टी नेता सौरभ भारद्वाज के एक ट्वीट पर नामांकन दाखिल कर रहे अन्य उम्मीदवारों को परिवार का सदस्य बताया। इसके बाद आम आदमी पार्टी के फाउंडर नेताओं में से एक और कवि कुमार विश्वास ने उनपर पलटवार किया है।

कुमार विश्वास ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि षड्यंत्रकारी हत्यारों जैसा व्यवहार किया था। कुमार विश्वास ने लिखा, ‘फ़ैमिली? जिस अन्ना को पिता कहा, जिस योगेंद्र यादव को बड़ा भाई कहा, जिस दोस्त को छोटा भाई कहा, उन सब के साथ षड्यंत्रकारी हत्यारों जैसा व्यवहार किया था, इन बेचारों के साथ भी वैसा ही व्यवहार करोगे क्या ? कम से कम, “परिवार-संस्कार-सरोकार” जैसे शब्दों को तो बख्श दो अब।’

Dr Kumar Vishvas

@DrKumarVishwas

फ़ैमिली ? जिस अन्ना को पिता कहा,जिस योगेंद्र यादव को बड़ा भाई कहा, जिस दोस्त को छोटा भाई कहा, उन सब के साथ जैसा षड्यंत्रकारी हत्यारों जैसा व्यवहार किया था, इन बेचारों के साथ भी वैसा ही व्यवहार करोगे क्या 😳? कम से कम, “परिवार-संस्कार-सरोकार” जैसे शब्दों को तो बख्श दो अब 😡👎👎 https://twitter.com/arvindkejriwal/status/1219571172590768128 

Arvind Kejriwal

@ArvindKejriwal

Doesn’t matter. Many of them r filing for the first time. They r bound to make mistakes. We also made mistakes the first time. We shud hand hold them. I am enjoying waiting wid them. They r all part of my family. https://twitter.com/saurabh_mlagk/status/1219548575828365312 

8,619 लोग इस बारे में बात कर रहे हैं

सौरभ भारद्वाज ने कहा था कि निर्वाचन कार्यालय में 35 उम्मीदवार नामांकन के अधूरे दस्तावेज लिए बैठे हैं। यहां तक कि कई के पास तो 10 प्रस्तावकों के नाम तक नहीं हैं। भारद्वाज के इस ट्वीट के जवाब में केजरीवाल ने कहा कि कोई बात नहीं कई लोग पहली बार नामांकन भर रहे हैं तो गलतियां होंगी ही,  हमने भी पहली बार गलती की थी। हमें उन्हें सिखाना चाहिए। मैं इनके साथ इंतजार कर मजा ले रहा हूं, ये लोग मेरे परिवार का हिस्सा हैं।

बता दें कि कुमार विश्वास ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट पर अमेठी से राहुल गांधी और स्मृति ईरानी के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था। हालांकि, उनकी हार हुई थी। इसके बाद साल 2017 उन्हें राजस्थान के लिए पार्टी की चुनाव कमान सौंपी गई थी। लेकिन सालभर के भीतर ही उनसे यह जिम्मेदारी वापस ले ली गई।

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