दिल्ली चुनाव हारने के बाद पहली बार अमित शाह ने तोड़ी चुप्पी, बताए BJP की हार के बड़े कारण

नई दिल्ली। दिल्ली में हार के बाद सार्वजनिक तौर पर पहली बार बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने अपनी हार स्वीकार कर ली. उन्होंने कहा कि ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो…’ और ‘भारत-पाक मैच’ जैसे बयान नहीं देने चाहिए थे. हो सकता है कि इस तरह के बयानों के कारण पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा हो. शाह ने कहा भाजपा भले ही हार गई हो, लेकिन उसने ‘अपनी विचारधारा का विस्तार किया.’ उन्होंने कहा कि भाजपा दिल्ली विधानसभा में जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाएगी.

गृह मंत्री शाह ने स्वीकार किया कि उनका दिल्ली चुनावों में 45 सीटें प्राप्त करने का आकलन गलत साबित हुआ. उन्होंने कहा, “मेरा आकलन 45 सीटों का था. यह गलत साबित हुआ.”

उन्होंने अपने ईवीएम से करंट लगाने के बयान का तो बचाव किया, लेकिन कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान की गईं कुछ टिप्पणियां अनुचित थीं. उन्होंने कहा, “भाजपा ने उनसे (नेताओं के विवादित बयानों से) खुद को अलग किया था.”

गृहमंत्री शाह ने पीएफआई-शाहीन बाग लिंक पर कहा, ”पीएफआई को लेकर हमें कुछ जांच एजेंसियों की रिपोर्ट मिली है. गृह मंत्रालय उसकी जांच कर रहा है. जांच में जो भी सामने आएगा, हम उस हिसाब से कार्रवाई करेंगे.”

शाह ने कहा, ”मैं 3 दिनों के भीतर समय दूंगा, जो कोई भी मेरे साथ नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करना चाहता है.”

बता दें कि भाजपा की दिल्ली विधानसभा चुनावों में करारी हार हुई है. पार्टी को सिर्फ आठ सीटें मिली हैं, जबकि आप को 62 सीटों पर जीत मिली है.

ठाकुर और वर्मा के भड़काऊ बयान
गौरतलब है कि चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने दिल्ली के रिठाला क्षेत्र में रैली के संबोधन के दौरान भड़काऊ टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था, “देश के गद्दारों को, गोली मारो .. को.”

वहीं, प्रवेश वर्मा ने कथित रूप से कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में 500 सरकारी संपत्तियों पर मस्जिदों और श्मशानों का निर्माण किया गया है, जिसमें अस्पताल और स्कूल भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि ये अवैध निर्माण जिन क्षेत्रों में हुए हैं, वह दिल्ली विकास प्राधिकरण, दिल्ली नगर निगम, दिल्ली जल बोर्ड और कई अन्य सरकारी एजेंसियों की जमीन है.

ठाकुर और वर्मा पर चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार पर क्रमश: 72 और 96 घंटे की पाबंदी लगाई गई थी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *