नई दिल्ली। यमुनापार में हो रही हिंसा को लेकर भाजपा नेता कपिल मिश्रा विरोधियों के साथ ही अपनी पार्टी के नेताओं के भी निशाने पर आ गए हैं। पूर्व क्रिकेटर और पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। बताते हैं कि पार्टी नेतृत्व भी उनसे नाराज है और उन्हें विवादस्पद बयान नहीं देने और किसी भी तरह के धरना प्रदर्शन से दूर रहने की हिदायत दी गई है। यदि वह नहीं मानेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है।
भड़काऊ भाषण देने वाले पर हो कठोर कार्रवाई
मीडिया से बात करते हुए गंभीर ने कहा, ‘चाहे वह कपिल मिश्रा हों या कोई और व्यक्ति, या फिर वह किसी भी पार्टी का हो, यदि वो भड़काऊ भाषण दे रहा है तो उस पर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।’ कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने गंभीर के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘गौतम गंभीर का बयान स्वागत योग्य है। उन्होंने भाजपा नेता कपिल मिश्रा के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी के लिए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। यह एक खिलाड़ी की सच्ची भावना है हमें गौतम जैसे नेताओं की जरूरत है।’
कपिल मिश्रा ने पुलिस को दी थी चेतावनी
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बीते रविवार को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे सड़क बंद कर दी थी जिसके बाद वहां इस कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़प शुरू हो गई थी। मौजपुर में धरने को संबोधित करते हुए कपिल मिश्रा ने पुलिस को तीन दिन के भीतर सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटाने की मांग करते हुए यह चेतावनी दी थी कि यदि सड़क नहीं खाली कराई गई तो वह पुलिस की भी नहीं सुनेंगे। उनके इस बयान को लेकर विरोधी पार्टी के नेता उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए दबाव बना रहे हैं।
जान से मारने की दी जा रही है धमकी
दूसरी ओर लगातार हो रही आलोचना के बीच मिश्रा ने मंगलवार शाम को ट्वीट करके कहा कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। उन्होने ट्वीट किया कि ‘दोस्तों, देश से और विदेशों से लगातार फोन करके उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। बंद सड़कों को खुलवाने को कहना कोई गुनाह नहीं। सीएए का समर्थन कोई गुनाह नहीं, सच बोलना कोई गुनाह नहीं। इस तरह की धमकियों से वह डरने वाले नहीं हैं।’