स्टेट या पुलिस स्पॉन्सर्ड? पालघर में 2 साधुओं की मॉब लिंचिंग: 110 गिरफ्तार, 9 आरोपित भेजे गए जुवेनाइल होम

मुंबई। महाराष्ट्र के पालघर में दो साधु और एक ड्राइवर की मॉब लिंचिंग के मामले में FIR दर्ज कर 110 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 101 लोगों को 30 अप्रैल तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया है, जबकि 9 नाबालिगों को जुवेनाइल सेंटर होम में भेज दिया गया है।

ANI

@ANI

Maharashtra: 3 people were beaten to death by villagers in Palghar on suspicion of theft on 17th April. FIR filed against villagers & 110 people have been arrested, of which 101 have been sent to police custody till 30 April & 9 minors have been sent to a juvenile shelter home.

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साधुओं की निर्मम हत्या को लेकर साधु-संतों सहित नेताओं ने रोष जताया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने रविवार को इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की और चेतावनी दी कि अगर हत्यारों की शीघ्र गिरफ्तारी नहीं की गई तो महाराष्ट्र सरकार के विरुद्ध आंदोलन किया जाएगा।

फडणवीस ने की कड़ी कार्रवाई की माँग

Devendra Fadnavis

@Dev_Fadnavis

Seeing the visuals that have come out, Palghar incident of mob lynching is shocking & inhuman.
It is more disturbing especially when we are going through such tough times otherwise too.
I urge the State Government to immediately set up a High Level Enquiry and…
(1/2)

Devendra Fadnavis

@Dev_Fadnavis

… ensure that people who are responsible for this are brought to justice at the earliest.
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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “पालघर में जिस क्रूरता के साथ मॉब लिंचिंग हुई, वह मानवता को शर्मसार करने वाली है। पालघर में भीड़ हिंसा की घटना का वीडियो हैरान करने वाला और अमानवीय है। ऐसे संकट के समय इस तरह की घटना और भी ज्यादा परेशान करने वाली है। मैं राज्य सरकार से गुजारिश करता हूँ कि वह इस मामले की उच्च स्तरीय जाँच करवाएँ और जो दोषी हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।”

भाजपा उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा ने घटना को बताया शर्मनाक

Baijayant Jay Panda

@PandaJay

Horrific video of a mob lynching in cops’ presence in Maharashtra, run by @OfficeofUT whr a few days ago a cop & doctor had been assaulted.

Media downplayed, said “mistaken suspicion as robbers” & suppressed that they were in Hindu religious robes.

Why this hypocrisy?

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भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रवक्ता बैजयंत पांडा ने भी घटना को लेकर रोष जताया है। उन्होंने इस घटना को शर्मनाक बताया और उद्धव सरकार को निशाने पर लिया। पांडा ने ट्वीट किया, “पालघर में पुलिस के सामने भीड़ हिंसा की घटना का वीडियो दहला देने वाला है। वह भी तब, जब कुछ ही दिन पहले उद्धव सरकार के शासन में एक पुलिसकर्मी और डॉक्टर पर हमला हुआ था। मीडिया के एक वर्ग ने इसे ‘संतों के भेष में चोरों’ का मामला बताकर घटना को कमतर दिखाया।”

https://twitter.com/sardanarohit/status/1251902756706639872

आज तक के पत्रकार रोहित सरदाना ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कई सवाल खड़े किए। उन्होंने घटना का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “महाराष्ट्र के पालघर में हुई इस हत्या को क्या कहें? स्टेट स्पॉन्सर्ड? या पुलिस स्पॉन्सर्ड? महाराष्ट्र सरकार की शान में आए दिन कसीदे पढ़ने वाले फिल्मी सितारों में से कितनों ने इस बारे में ट्वीट किया?”

Sweta Singh

@SwetaSinghAT

एक वृद्ध साधु वर्दी से उम्मीद लगाए पीछे छिपे। तो उसने खुद उन्हें भीड़ को सौंप दिया! ‘चोर समझकर’ मारने वाली पूरी रिपोर्ट मनगढ़ंत दिख रही है। ये विडियो तो प्रायोजित हत्या का है। https://twitter.com/sardanarohit/status/1251902756706639872 

रोहित सरदाना

@sardanarohit

महाराष्ट्र के पालघर में हुई इस हत्या को क्या कहें? स्टेट स्पॉन्सर्ड? या पुलिस स्पॉन्सर्ड? महाराष्ट्र सरकार की शान में आए दिन क़सीदे पढ़ने वाले फ़िल्मी सितारों में से कितनों ने इस बारे में ट्वीट किया?#Palghar_Incident #PalgharMobLynching

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वहीं आज तक की पत्रकार श्वेता सिंह ने भी इसे प्रायोजित हत्या बताते हुए कहा, “एक वृद्ध साधु वर्दी से उम्मीद लगाए पीछे छिपे। तो उसने खुद उन्हें भीड़ को सौंप दिया! ‘चोर समझकर’ मारने वाली पूरी रिपोर्ट मनगढ़ंत दिख रही है। ये वीडियो तो प्रायोजित हत्या का है।” बता दें कि मीडिया गिरोह साधुओं की मॉब लिंचिंग कर हत्या की खबर की रिपोर्टिंग ‘चोर समझकर’ पीट-पीट कर हत्या के रूप में की है।

भाजपा नेता संबित पात्रा ने भी इस दर्दनाक वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “महाराष्ट्र के पालघर का एक और वीडियो सामने आया है… हृदयविदारक… बेबस संत पुलिस के पीछे अपनी जान बचाने भाग रहे हैं और ऐसा साफ दिख रहा है कि पुलिस न केवल अपनी ज़िम्मेदारी से पीछे हट रही है अपितु ऐसा लगता है की बेचारे संत को भीड़ में धकेला जा रहा है। ये महाराष्ट्र में क्या हो रहा है?”

Sambit Patra

@sambitswaraj

महाराष्ट्र के पालघर का एक और विडीओ सामने आया है ..हृदयविदारक ..बेबस संत पुलिस के पीछे अपनी जान बचाने भाग रहा है और ऐसा साफ़ दिख रहा है की पुलिस न केवल अपनी ज़िम्मेदारी से पीछे हट रही है अपितु ऐसा लगता है की बेचारे संत को भीड़ में धकेला जा रहा है।
ये महाराष्ट्र में क्या हो रहा है?

Embedded video

Mukesh Khanna@1ThaMukesh

आज भगवा के साथ हुए नरसंहार पर मुझे भारत का मौन खल रहा ?

क्या संन्यासी साधु संत का कोई मानवाधिकार नहीं होता?

हिंदुत्व का राग अलापने वाली भगवान ध्वज लेकर चलने वाली सरकार क्या मर चुकी है ?

क्या सनातन के संहार के बाद देश खड़ा रह सकेगा?

कोई अन्य संप्रदाय का धर्मगुरू होता फिर?

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एक्टर मुकेश खन्ना ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “आज भगवा के साथ हुए नरसंहार पर मुझे भारत का मौन खल रहा? क्या संन्यासी साधु संत का कोई मानवाधिकार नहीं होता? हिंदुत्व का राग अलापने वाली भगवा ध्वज लेकर चलने वाली सरकार क्या मर चुकी है? क्या सनातन के संहार के बाद देश खड़ा रह सकेगा? कोई अन्य संप्रदाय का धर्मगुरू होता फिर?”

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ

सोशल मीडिया पर भी घटना को लेकर लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिला। लोगों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रियाएँ दीं। एक ने लिखा, “अगर पालघर ग़लती से यूपी में होता और मरने वाला तबरेज या अखलाक होता तो चूड़ियाँ टूटने की इतनी आवाज़ आती कि कोरोना मर जाता।”

Sambit Patra

@sambitswaraj

महाराष्ट्र के पालघर का एक और विडीओ सामने आया है ..हृदयविदारक ..बेबस संत पुलिस के पीछे अपनी जान बचाने भाग रहा है और ऐसा साफ़ दिख रहा है की पुलिस न केवल अपनी ज़िम्मेदारी से पीछे हट रही है अपितु ऐसा लगता है की बेचारे संत को भीड़ में धकेला जा रहा है।
ये महाराष्ट्र में क्या हो रहा है?

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Diya Rajput@khamoshhi

अगर पालघर ग़लती से यूपी में होता और मरने वाला तबरेज या अखलाक होता तो चूड़ियाँ टूटने की इतनी आवाज़ आती कि कोरोना मर जाता🤫

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आहत इंदौरी नाम के एक यूजर ने लिखा, “हिन्दुओं ने बेवजह किसी मौलवी की पुलिस के सामने पीट पीट कर हत्या कर दी होती तो ये अब तक अंतराष्ट्रीय खबर बन गई होती और कॉन्ग्रेस, सपा, बसपा आदि दलों का रो-रो कर बुरा हाल होता।”

Sambit Patra

@sambitswaraj

महाराष्ट्र के पालघर का एक और विडीओ सामने आया है ..हृदयविदारक ..बेबस संत पुलिस के पीछे अपनी जान बचाने भाग रहा है और ऐसा साफ़ दिख रहा है की पुलिस न केवल अपनी ज़िम्मेदारी से पीछे हट रही है अपितु ऐसा लगता है की बेचारे संत को भीड़ में धकेला जा रहा है।
ये महाराष्ट्र में क्या हो रहा है?

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आहत इंदौरी@thebakaitbaaz


हिन्दुओ ने बेवजह किसी मौलवी की पुलिस के सामने पीट पीट कर हत्या कर दी होती तो ये अब तक अंतराष्ट्रीय खबर बन गई होती।
और कांग्रेस सपा बसपा आदि दलो का रो रो कर बुरा हाल होता।@Republic_Bharat @ZeeNews @aajtak @TV9Bharatvarsh @indiatvnews @RubikaLiyaquat

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एक यूजर ने लिखा, “इससे यही साबित होता है कि हिंदुत्व को तोड़ा जा रहा है। अगर यही यूपी में होता तो योगी जी इनको औकात बता देते। पता नहीं ठाकरे साहब कब जागेंगे देश के लिए या उनको सिर्फ कुर्सी प्यारी है?”

Sambit Patra

@sambitswaraj

महाराष्ट्र के पालघर का एक और विडीओ सामने आया है ..हृदयविदारक ..बेबस संत पुलिस के पीछे अपनी जान बचाने भाग रहा है और ऐसा साफ़ दिख रहा है की पुलिस न केवल अपनी ज़िम्मेदारी से पीछे हट रही है अपितु ऐसा लगता है की बेचारे संत को भीड़ में धकेला जा रहा है।
ये महाराष्ट्र में क्या हो रहा है?

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🚩टीम_SCB शुभम रामदे 🚩@ShubhamRamde

इससे यही साबित होता है कि हिंदुत्व को तोड़ा जा रहा है
अगर यही यूपी में होता तो योगी जी इनको औकात बता देते
पता नहीं ठाकरे साहब कब जागेंगे देश के लिए
या उनको सिर्फ कुर्सी प्यारी है

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एक अन्य यूजर ने लिखा, “बालासाहेब होते तो आज संतों को मारने वालों के हाथों को काट देते, लेकिन दुर्भाग्य से आज उनके बेटे की सरकार है जो कॉन्ग्रेस की गोदी में खेल रहा है।”

Sambit Patra

@sambitswaraj

महाराष्ट्र के पालघर का एक और विडीओ सामने आया है ..हृदयविदारक ..बेबस संत पुलिस के पीछे अपनी जान बचाने भाग रहा है और ऐसा साफ़ दिख रहा है की पुलिस न केवल अपनी ज़िम्मेदारी से पीछे हट रही है अपितु ऐसा लगता है की बेचारे संत को भीड़ में धकेला जा रहा है।
ये महाराष्ट्र में क्या हो रहा है?

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Arjun indian@S67502sharma

बालासाहेब होते तो आज संतों को मारने वालों के हाथों को काट देते,
लेकिन दुर्भाग्य से आज उनके बेटे की सरकार है जो कांग्रेस की गोदी में खेल रहा है

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एक ने लिखा, “अखलाक ओर पहलू खान पर आँसू बहाने वाले लिबरल्स महाराष्ट्र के पालघर में 2 संत और उनके ड्राइवर को बड़े ही बेरहमी से लिंचिंग कर मौत के घाट उतार दिया गया तब चुप क्यों हैं?? कहाँ हैं लोकतंत्र के ठेकेदार?? क्यों… ये तो संतों की मृत्यु हुई है, कौन पूछता है संतों को?”

Sweta Singh

@SwetaSinghAT

एक वृद्ध साधु वर्दी से उम्मीद लगाए पीछे छिपे। तो उसने खुद उन्हें भीड़ को सौंप दिया! ‘चोर समझकर’ मारने वाली पूरी रिपोर्ट मनगढ़ंत दिख रही है। ये विडियो तो प्रायोजित हत्या का है। https://twitter.com/sardanarohit/status/1251902756706639872 

रोहित सरदाना

@sardanarohit

महाराष्ट्र के पालघर में हुई इस हत्या को क्या कहें? स्टेट स्पॉन्सर्ड? या पुलिस स्पॉन्सर्ड? महाराष्ट्र सरकार की शान में आए दिन क़सीदे पढ़ने वाले फ़िल्मी सितारों में से कितनों ने इस बारे में ट्वीट किया?#Palghar_Incident #PalgharMobLynching

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Jani Kalpesh 🇮🇳 राम भक्त 🚩@Real_jani1

अखलाख ओर पहलू खान पर आँसू बहाने वाले लिब्र्ल्स महाराष्ट्र के पालघर में 2 संत और उनके ड्राइवर को बड़े ही बेरहमी से लिंचिंग कर मौत के घाट उतार दिया गया तब चुप क्यों है??

कहाँ है लोकतंत्र के ठेकेदार??
क्यों ..ये तो संतो की मृत्यु हुई है
कौन पूछता है संतो को?

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पालघर साधु मॉब लिंचिंग: पूरा मामला

गौरतलब है कि जूना अखाड़ा के 2 महंत कल्पवृक्ष गिरी महाराज (70 वर्ष), महंत सुशील गिरी महाराज (35 वर्ष) अपने ड्राइवर निलेश तेलगडे (30 वर्ष) के साथ मुंबई से गुजरात अपने गुरु भाई को समाधि देने के लिए जा रहे थे। दरअसल, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा 13 मंडी मिर्जापुर परिवार के एक महंत राम गिरी जी गुजरात के वेरावल सोमनाथ के पास ब्रह्मलीन हो गए थे। दोनों संत महाराष्ट्र के कांदिवली ईस्ट के रहने वाले थे और मुंबई से गुजरात अपने गुरु की अंत्‍येष्टि में शामिल होने जा रहे थे।

इसी दौरान रास्ते में उन्हें महाराष्ट के पालघर जिले में स्थित दहाणु तहसील के गडचिनचले गाँव में पालघर थाने के पुलिसकर्मियों ने पुलिस चौकी के पास रोका। इसके बाद ड्राइवर के साथ दोनों संतों को भी गाड़ी से बाहर निकलने के लिए कहा गया और उन लोगों को पुलिस वालों ने, सड़क के बीच में ही बैठा दिया, कहा जा रहा है वहाँ गाँव के करीब 200 के आस पास लोग अचानक ही इकट्ठे हो गए।

फिर भीड़ ने, पुलिस वालों के सामने ही डंडे और पत्थरों से मार-मार कर दोनों सन्तों और ड्राइवर की बेरहमी से हत्या कर दी। बता दें कि यह गाँव और इलाका आदिवासी बहुल है और ग्रामीणों में ज़्यादातर ईसाई और कुछ के मुस्लिम समुदाय का होने का दावा भी संत समाज के कुछ लोगों द्वारा किया गया है।

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