बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने रविवार को अपने फ्लैट पर आत्महत्या कर ली, पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है, कि आत्महत्या है या हत्या, इस खबर से बाद कविराज कुमार विश्वास काफी आहत हैं, उन्होने एक के बाद एक तीन-चार ट्वीट कर दिये हैं, उन्होने अपनी एक कविता ट्वीट कर उन्हें याद किया है, साथ ही ये भी कहा है कि मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है, कल से कुछ लिख-पढ सोच नहीं पा रहा हूं।
सुशांत की मौत को लेकर पूरा बॉलीवुड हैरान है, पीएम मोदी ने भी ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है, कवि कुमार विश्वास ने उन्हें याद करते हुए ट्विटर पर लिखा है। कल से कुछ लिख पढ सोच नहीं पा रहा हूं, प्यारे छोटे भाई बहिनों, जो बनना चाहते हो बनो, खूब कोशिश करो पर वो कुछ बनने की इतनी भी ज्यादा कोशिश मत करो, कि तुम पूरे ही टूट जाओ, जरा उनकी भी सोचो यार, जिन्हें तुम्हारे पूरे टूट जाने के बाद तुम्हारी ही किरचें अकेले चुननी पड़ती हैं।
इसके साथ ही कुमार ने एक और ट्वीट किया है, उन्होने लिखा है, सुशांत की मौत के बाद दर्द और दोगुना हो गया है। इससे पहले कुमार ने लिखा था पिछले हफ्ते यूं ही अचानक सोचा था कि तुम्हें कॉल करुंगा, खाली वक्त कैसे कट रहा है, बात करुंगा, हंसी –मजाक करेंगे, इतना लेट तो नहीं हुआ भाई, कि तुम ऐसे खामोश हो गये, उफ।
कुमार विश्वास ने फिर एक ट्वीट सुशांत सिंह राजपूत के नाम किया है, उन्होने लिखा है, बात करो रुठे यारों से, सन्नाटे से डर जाते हैं, इश्क अकेला जी सकता है, दोस्त अकेले मर जाते हैं। ये लड़का सोने नहीं दे रहा, ऐसा भी क्या भाई, ये तो ठीक नहीं किया तुमने। आपको बता दें कि सुशांत के इस फैसले से हर कोई हैरान और स्तब्ध है।
“बात करो रूठे यारों से,
सन्नाटे से डर जाते हैं !
इश्क़ अकेला जी सकता है,
दोस्त अकेले मर जाते हैं…!”
ये लड़का सोने नहीं दे रहा ! ऐसा भी क्या भाई ? ये तो ठीक नहीं किया तुमने https://twitter.com/drkumarvishwas/status/1272097031993974784 …Dr Kumar Vishvas✔@DrKumarVishwas
स्तब्ध हूँ ! पिछले हफ़्ते यूँ ही अचानक सोचा था कि तुम्हें कॉल करूँगा,बात करूँगा,ख़ाली वक़्त कैसे कट रहा है इस पर बात करेंगे, हंसी-मज़ाक़ करेंगे ! इतना लेट तो नहीं हुआ भाई कि तुम ऐसे ख़ामोश हो गए ? उफ़
“तुम गए क्या शहर सूना कर गए,
दर्द का आकार दूना कर गए..!”#SushantSinghRajput
कल से कुछ लिख-पढ़-सोच नहीं पा रहा हूँ ! प्यारे छोटे भाई-बहिनो, जो बनना चाहते हो बनो, खूब कोशिश करो पर वो “कुछ” बनने की इतनी ज़्यादा भी कोशिश मत करो कि तुम पूरे ही टूट जाओ ! ज़रा उनकी तो सोचो यार, जिन्हें तुम्हारे पूरे टूट जाने के बाद तुम्हारी ही किरचें अकेले चुननी पड़ती हैं !
स्तब्ध हूँ ! पिछले हफ़्ते यूँ ही अचानक सोचा था कि तुम्हें कॉल करूँगा,बात करूँगा,ख़ाली वक़्त कैसे कट रहा है इस पर बात करेंगे, हंसी-मज़ाक़ करेंगे ! इतना लेट तो नहीं हुआ भाई कि तुम ऐसे ख़ामोश हो गए ? उफ़
“तुम गए क्या शहर सूना कर गए,
दर्द का आकार दूना कर गए..!”#SushantSinghRajput