उज्जैन। ‘हमने उसे महाकाल चौकी से हिरासत में लिया और फिर थाने ले आए। यहां वह बहुत गुस्से में था। हमसे कहने लगा कि अगर मैं उत्तर प्रदेश में होता तो तुम्हारे घरों में आग लगवा देता, तुम्हारे हाथ-पैर कटवा देता। बर्बाद कर देता। मैंने उसे हथकड़ी लगा रखी थी, इसलिए मुझ पर वह ज्यादा गुस्सा कर रहा था। उसे गाड़ी में बैठाने के लिए ले जा रहे थे, तो उसने अपशब्द कहना शुरू कर दिए। मुझे गुस्सा आया तो एक थप्पड़ (कंटाप) लगा दिया।’ यह कहना है मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल थाने में पदस्थ कांस्टेबल विजय राठौर का।
पुलिसकर्मियों के अनुसार, पकड़ में आने के बाद विकास दुबे बार-बार धमकियां देते हुए अनाप-शनाप बातें कह रहा था। बाद में आला पुलिस अधिकारियों ने उससे पूछताछ शुरू की तो वह चुप हो गया। हो सकता है दुबे के साथी यहीं हों, मैं डरा हुआ हूं कांस्टेबल विजय ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता भी जताई। उसका कहना था कि उसी ने दुबे को हथकड़ी लगाई थी।
पकड़े जाने पर ‘बिट्टू-बिट्टू’ कह रहा था विकास दुबे
अखबारों में मेरी फोटो छपी है। टीवी चैनलों पर मुझे दिखाया गया है। बकौल विजय-हो सकता है कि दुबे के कुछ और साथी यहीं हों। पुलिस द्वारा पकड़े जाने के बाद दुबे ‘बिट्टू-बिट्टू’ कह रहा था। इससे ऐसा लगता है कि उसके साथ कोई और भी था, मगर उस समय हमारा पूरा ध्यान विकास पर था। इसलिए हमने किसी और की ओर ध्यान नहीं दिया। मैं डरा हुआ हूं। दुबे की गैंग बड़ी होगी। मेरे परिवार को भी खतरा है। मैं वरिष्ठ अधिकारियों से आग्रह करता हूं कि मेरी सुरक्षा के लिए कुछ समय के लिए मुझे हथियार दिया जाए।
मैंने आज तक हथकड़ी नहीं पहनी
उज्जैन पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद से ही गैंगस्टर दुबे को हथकड़ी में रखा था। इस दौरान उसने एक पुलिसकर्मी से यहां तक कहा था कि आज तक उसने हथकड़ी नहीं पहनी है। हालांकि एनकाउंटर के बाद भी पुलिस अधिकारी विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर कुछ भी जानकारी देने से बचते रहे। गैंगस्टर द्वारा धमकी दिए जाने के मामले में कोई प्रकरण भी दर्ज नहीं किया गया है।