छत्तीसगढ़। मध्यप्रदेश में कांग्रेस को अपने ही विधायकों के असंतोष को भाजन बनना पड़ा और 15 साल बाद मिली सत्ता को डेढ़ साल में ही गंवाकर विपक्ष में बैठना पड़ा । वहीं राजसथान में भी कांग्रेस विधायकों के असंतोष के कारण सियासी भूचाल मचा हुआ है । दोनों राज्यों में कांग्रेस के ऐसे हालात के बीच राजनीतिक विशेषज्ञों की नजर छत्तीसगढ़ पर टिकी हैं । दरअसल राजस्थान, मध्य प्रदेश के साथ छत्तीसगढ़ में भी विधानसभा चुनाव हुए थे, तीनों ही राज्यों में सत्ताधारी दल बीजेपी को हार मिली और कांग्रेस को जीत मिली । दरअसल छत्तीसगढ़ में बीजेपी नेता के एक बयान बाद सियासी उथल पुथल की संभावना जताई जा रही है ।
छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की ओर से एक बयान आया है । जिसमें पूर्व मंत्री कह रहे हैं कि मध्य प्रदेश और राजस्थान की तरह ही छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस विधायकों में असंतोष है । इसीलिए आनन – फानन में 15 संसदीय सचिवों की नियुक्ति की गई है । अग्रवाल के मुताबिक इस के कारण निगम मंडलों में भी नियुक्तियों की कवायद की जा रही है । यह प्रक्रिया मध्यप्रदेश और राजस्थान का असर है ।
बृजमोहन अग्रवाल ने आगे कहा है कि राज्य में कांग्रेस के विधायकों में बहुत ज्यादा असंतोष है । हो सकता है कि राज्य में वहीं हालात बन जाएं जो कि मध्यप्रदेश और अब राजस्थान में । हालांकि पूर्व मंत्री के इस बयान पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का पलटवार आया है । सिंह ने कहा कि बीजेपी के नेता ऐसे कयास लगाने और सरकार को कमजोर करने की कवायदें बंद कर दें ।
बीजेपी नेता बृजमोहन अग्रवाल को दिग्विजय सिंह ने जवाब देते हुए कहा – बीजेपी और बृजमोहन अग्रवाल नीलामी करने बैठे हैं । बीते बुधवार को ही रायपुर दौरे के दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा कि इतना पैसा आ गया है भाजपा और बृजमोहन जी के पास कि वह जिस तरह से नीलामी होती है नीलामी करने बैठे हैं । राजस्थान को लेकर जब उनसे पूछा गया तो उन्होने कहा कि वह राजस्थान के प्रभारी नहीं हैं और वह जयपुर भी नहीं गए हैं । इसलिए उन्हें वहां के बारे में कोई जानकारी नहीं है ।