नई दिल्ली। टीम इंडिया इस समय भले ही वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अपने प्रदर्शन से खुश हो, लेकिन भारत में बहुत से लोगों को अभी भी नंबवर में शुरू होने वाले टीम इंडिया के ऑस्ट्रेलिया दौरे कि चिंता सता रही है. इनमें कई पूर्व क्रिकेटर भी शामिल हैं. इन लोगों की चिंता बेवजह नहीं है. इसकी वजह टीम इंडिया का पिछले दो विदेशी दौरों, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के दौरों पर टीम इंडिया का उसकी प्रतिष्ठा के अनुरूप प्रदर्शन न होना है. इसी सिलसिले में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने बताया है कि टीम इंडिया को विदेशों में संघर्ष क्यों करना पड़ता है.
जी मीडिया को दिए एक्सक्लूजिव इंटरव्यू में सौरव गांगुली ने टीम इंडिया की समस्याओं पर खुल कर बातचीत की. गांगुली ने क्रिकेटर्स से लेकर कोच तक की भूमिका के बारे में अपनी राय दी और बताया कि क्यों टीम इंडिया के प्रदर्शन में विदेशों में अंतर आ जाता है. सौरव ने विराट कोहली की के बारे भी बात करते हुए उनकी तारीफ की. इसके अलावा गांगुली ने पृथ्वी शॉ के बारे में भी अपनी राय दी.
वेस्टइंडीज के खिलाफ बढ़िया, लेकिन परीक्षा ऑस्ट्रेलिया में
इस समय टीम इंडिया हैदराबाद में वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरा टेस्ट मैच खेल रही है. इससे पहले ही राजकोट में विराट की टीम ने वेस्टइंडीज को पहले टेस्ट में केवल तीन दिन में ही एक पारी और 272 रनों से हराया था. हालाकि इससे पहले टीम इंडिया इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज 1-4 से गवां कर आई थी. वेस्टइंडीज के भारत दौरे के बाद नवंबर में टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर जाना है जहां उसकी कड़ी परीक्षा होगी. टीम इंडिया भले ही अभी आईसीसी रैंकिंग में नंबर वन हो, लेकिन अभी विदेशी तेज पिचों पर उसे अपनी श्रेष्ठता साबित करनी है.
ऑस्ट्रेलियाई टीम बढ़िया खेल रही है
दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया की टीम भले ही पूर्व कप्तान स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर के बिना कमजोर दिखाई दे रही हो. गुरुवार को जिस तरह से उसके बल्लेबाजों ने पाकिस्तान के खिलाफ दुबई में पहला टेस्ट बचाया, उससे साफ है कि टीम इंडिया के ऑस्ट्रेलिया का सफर आसान नहीं रहने वाला है. टीम इंडिया और उसके प्रबंधन से समय समय पर संकेत मिलते रहे हैं कि वर्तमान वेस्टइंडीज सीरीज में हो रहे प्रयोग सभी ऑस्ट्रेलिया की तैयारी का हिस्सा हैं.
क्रिकेटरों में क्वालिटी की कमी
सौरव गांगुली ने टीम के देशी विदेशी प्रदर्शन के विरोधाभास पर कहा, “आज के क्रिकेटरों में गुणवत्ता की कमी है. इसीलिए वे अपने विदेशी दौरों में संघर्ष करती नजर आ रहीं हैं. टीमों को लगता कि वे बैठकर चिंतन कर इस समस्या हल निकाल सकतीं हैं. यहां तक कि कोच को भी जिम्मेदारी लेनी की जरूरत है क्योंकि टीम को मैदान के अंदर और बाहर लय में रखने में कोच की अहम भूमिका होती है.”
विराट श्रेष्ठ, लेकिन सचिन से तुलना ठीक नहीं
विराट कोहली की तारीफ करते हुए गांगुली ने कहा वे इस समय अब तक के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर बनने की ओर हैं. इसके बावजूद सौरव विराट की सचिन से तुलना के पक्ष में नहीं हैं. उनका मानना है विराट दुनिया में आज के किसी भी श्रेष्ठ बल्लेबाज की तरह महान हैं, लेकिन सचिन पूरी तरह से अलग थे. दो अलग समय के क्रिकेटरों की तुलना करना ठीक नहीं होगा. काफी लोग युवा प्रतिभाशाली पृथ्वी शॉ के पहले शतक के बाद उनमें सचिन या सहवाग ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन गांगुली का मानना है कि अभी पृथ्वी ने केवल शुरुआत की है, उन्हें अपना हुनर साबित करने के लिए काफी सफर तय करना है.
शॉ को अभी काफी कुछ करना है
गांगुली ने कहा, “आपको ऐसे कई नाम मिल सकते हैं जिन्होंने अपने पहले टेस्ट में ही शतक लगाए लेकिन केवल कुछ ही 100 टेस्ट मैच खेल सके. पृथ्वी ने अपनी प्रतिभा दिखाई है. अब उन्हें यह दिखाना है कि वे लंबे समय तक टिक सकते हैं.” गांगुली ने भी अपने करियर के पहले टेस्ट में शतक लगाया था.