लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को स्वतंत्रता दिवस पर झंडा न फहराने देने के खुराफाती संदेशों के पीछे पुलिस बड़ी साजिश का अंदेशा जता रही है। दो दिनों तक फोन कॉल पर रिकॉर्ड आवाज में संदेश आने के बाद सोमवार को भारत के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने वाले वीडियो वायरल किए जाने लगे। ये वीडियो प्रदेश के सभी जिलों में उन्हीं कथित विदेशी नंबरों से भेजे गए हैं, जिनसे फोन कॉल आ रही थी। इसे लेकर प्रदेश सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है। साथ ही एटीएस के साथ ही एसटीएफ व खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।
प्रदेश के एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि ऐसे फोन कॉल और वीडियो अब देश के दूसरे राज्यों में भी आने लगे हैं। देश की सभी सुरक्षा एजेंसियां इस मामले की जांच में लगी हैं। यूपी में पहले दिन से ही एसटीएफ और एटीएस को इस काम में लगा दिया गया था। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि ये फोन कॉल कहां से की जा रही हैं? देश विरोधी साजिशों की सूचना पहले आमतौर पर खुफिया एजेंसियों के जरिए आती थी लेकिन इस बार अराजक तत्व खुद ही अपना संदेश सोशल मीडिया पर फैलाकर भय का माहौल बनाने में लगे हैं। सूत्रों के अनुसार, धमकी भरे कॉल को बेहद गंभीरता से लेते हुए पूरे प्रदेश को अलर्ट किया गया है। कोरोना संकट के कारण वैसे तो स्वंतत्रता दिवस पर कहीं भी बड़े आयोजन नहीं होने हैं लेकिन सरकारी कार्यक्रमों में सुरक्षा प्रबंधों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं। सभी जिलों की पुलिस भी ऐसे तत्वों पर नजर लगाए हुए है, जो पूर्व में सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं के मामले में चिह्नित हो चुके हैं।
पश्चिमी यूपी के जिलों में खास सतर्कता
पश्चिमी यूपी के जिलों में खास सतर्कता बरती जा रही है। संदिग्धों पर नजर रखने के साथ-साथ बाहरी व्यक्तियों के आने-जाने और ठहरने के ठिकानों की औचक जांच भी कराई जा रही है। एटीएस व एसटीएफ का इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस सिस्टम लगातार अलर्ट मोड में बना हुआ है। लोगों को व्हाट्सएप पर भेजे गए वीडियो से यह साफ जाहिर हो रहा है कि शरारती तत्व स्वंत्रतता दिवस से पहले माहौल बिगाड़ना चाहते हैं। इसमें राममंदिर के भूमि पूजन समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी वाली फोटो का भी इस्तेमाल किया गया है। उनकी कोशिश है कि एक वर्ग विशेष को अलगाववाद के लिए भड़काया जाए। इसके लिए वीडियो में एक अन्य वर्ग विशेष की मिसाल भी दी जा रही है।