फैजाबाद/लखनऊ। राम मंदिर निर्माण के लिए एक बार फिर से कोर्ट के बाहर सुलह की कोशिशें तेज होती लग रही हैं. इससे पहले भी इस मामले में बात हुई है, लेकिन ये किसी नतीजे पर नहीं पहुंची. अब इस मामले में श्रीराम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ. रामविलास दास वेदांती का बयान आया है. उन्होंने कहा है कि कोर्ट श्रीराम जन्मभूमि न्यास को राम मंदिर निर्माण का आदेश दे. उन्होंने कहा किया है कि इस मामले में सुलह की कोशिशें की जाएंगीं. श्रीराम जन्मभूमि न्यास, विहिप और आरएसएस सुलह की वार्ता के लिए तैयार हैं.
कहा जा रहा है कि ये सहमति 29 अक्टूबर से पहले या बाद में हो सकती है. डॉ. रामविलास दास वेदांती ने कहा, अयोध्या के 84 कोसी परिक्रमा के बाहर हम मस्जिद निर्माण पर सहमत हैं. उन्होंने कहा, मस्जिद का नाम बाबर के नाम पर न हो. उन्होंने न्यास को राममंदिर की देखभाल की जिम्मेदारी देने की बात कही.
इक़बाल अंसारी को बातचीत का न्योता…
न्यास की ओर से कहा जा रहा है कि सभी संत 84 कोसी के बाहर खुदा के नाम पर मस्जिद के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, अयोध्या मसले को सुलझाने के लिए हम बाबरी मस्जिद पक्षकार इक़बाल अंसारी के साथ बैठने को तैयार हैं. मरहूम हाशिम अंसारी ने भी सुलाह की पहल की शुरुआत की थी. अब हम उनके बेटे इक़बाल से बातचीत के लिए तैयार हैं.
पाकिस्तानी आतंकी कांग्रेस, चिदंबरम और कपिल सिब्बल को करते है फंडिंग
डॉ. रामविलास दास वेदांती ने कहा, राम मंदिर के मुकदमे को लटकाने के लिए पाकिस्तान की ओर से फंडिंग की जाती है. अयोध्या में मंदिर निर्माण न हो इसके लिए फंडिंग की जाती है. डॉ वेदांती ने सुप्रीम कोर्ट के जजों से अपील कि कि वह राम मंदिर के लिए तुरंत निर्णय दें. उन्होंने कहा, कांग्रेस के पक्षकार आतंकवादियों का नाम लेकर जजों को डरा रहे हैं. काशी और मथुरा में भी ऐसे ही विवाद पर उन्होंने कहा, जब समय आएगा वहां के लोग इस बारे में निर्णय लेंगे. हम अयोध्या के हैं, इसलिए अयोध्या में रामलला के जन्म स्थान को मांग रहे हैं.