तेलंगाना के खम्मम जिले में एक 13 वर्षीय दलित को आग के हवाले कर दिया गया। नाबालिग दलित लड़की एक घर में घरेलू सहायिका का काम करती थी। एक दिन घर के मालिक के बेटे ने उसके साथ रेप करने की कोशिश की, इनकार करने पर उसने उसे आग में झोंक दिया। लड़की 70 प्रतिशत जल चुकी है और एक अस्पताल में जीवन के लिए जूझ रही है।
शुरुआती जानकारी के अनुसार, घटना 18 सितंबर को हुई थी जिसके बाद लड़की के मालिक ने उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया और उसके माता-पिता से घटना की सच्चाई छुपाई।
सोमवार (अक्टूबर 5, 2020) को लड़की ने अपने पिता को बताया कि घटना वाले दिन वास्तव में क्या हुआ था। पीड़िता द्वारा बताए जाने के बाद उन्होंने खम्मम के वन टाउन पुलिस में शिकायत दर्ज की, जिसके बाद मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी गई है।
जानकारी के मुताबिक लड़की खम्मम जिले के पललीगुडेम गाँव की है। उसने इसी साल मई में आलम सुब्बाराव के घर में काम करना शुरू किया था। वो आलम सुब्बाराव के घर में ही रहती थी।
कुछ दिनों पहले आलम सुब्बाराव ने लड़की के पिता को फोन किया और बताया कि उनकी बेटी काम के दौरान आग लगने से घायल हो गई। जब पीड़िता के पिता अस्पताल पहुँचे, तो उन्होंने देखा कि पीड़िता गंभीर रूप से जल गई थी और वह अचेत अवस्था में था।
सोमवार को लड़की को होश आया और उसने अपने माता-पिता को बताया कि कैसे आलम सुब्बाराव का बेटा आलम मरैया ने उसके साथ बलात्कार करने की कोशिश की। पीड़िता ने कहा, “जब मैं कमरे में थी, तो वह अंदर आया और मुझे अपने साथ सोने के लिए कहा। जब मैंने मना कर दिया, तो वो जबरन मेरे ऊपर आ गया। मैंने बहुत संघर्ष किया। उसने मेरे कपड़े फाड़ दिए और बाद में मुझे आग के हवाले कर दिया और वहाँ से भाग गया।”