मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जिस महिला ने खुद को हाथरस मृतका की भाभी बताया था, उसके विरुद्ध मामला दर्ज किया जा चुका है। इसके अलावा नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर नोटिस भी भेज चुका है, जहाँ वह कार्यरत हैं। मेडिकल कॉलेज के डीन ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि उन्होंने महिला (भाभी) को नोटिस जारी कर दिया है।
मेडिकल कॉलेज के डीन पीके कसर ने बताया कि फॉरेंसिक विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉक्टर राजकुमारी बंसल ने 4 अक्टूबर से 6 अक्टूबर तक का अवकाश लिया था। इस दौरान वह बिना कॉलेज प्रशासन को सूचित किए हाथरस मामले में मृतका के परिजनों से मिलने गई थीं। इसके बाद डीन ने बताया कि वह इस तरह के मामलों में होने वाले प्रदर्शन का हिस्सा नहीं बन सकती हैं क्योंकि वह सरकारी कर्मचारी हैं।
उनका कहना था, “हमें इस बात की जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स के ज़रिए मिली कि राजकुमार बंसल हाथरस घटनाक्रम के दौरान हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई थीं। फ़िलहाल उन्हें हमारी तरफ से नोटिस जारी किया जा चुका है और उनसे एक हफ्ते के भीतर जवाब भी माँगा गया है। राजकुमारी बंसल के जवाब के आधार पर हम इस मामले पर आगे की कार्रवाई करेंगे।”
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राजकुमारी बंसल ने दावा किया था कि वह मेडिकल रिपोर्ट की जाँच करने के लिए हाथरस गई थी क्योंकि वह फॉरेंसिक एक्सपर्ट हैं। इसके अलावा उनका ऐसा भी कहना था कि वह मानवता के नाते मृतका के परिवार वालों से मिलने गई थी।
राजकुमारी बंसल ने अपने बयान में कहा था कि हाथरस घटना की जानकारी मिलने के बाद उन्हें दो दिन तक नींद नहीं आई थी। वह परिजनों को सहानुभूति देने और संवेदना व्यक्त करने के लिए हाथरस गई थी और उनके निवेदन पर रुकने का फैसला किया। उनके रुकने के दौरान भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर भी परिजनों से मिलने आए थे। तभी कई मीडिया वालों ने इस मुद्दे पर उसके वीडियो रिकॉर्ड किए थे, जो फ़िलहाल सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहे हैं।
इसके बाद राजकुमारी बंसल ने अपने बयान में कहा, “बहुत से लोग मुझे माओवादी बुला रहे हैं, मेरे ऊपर झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं। जितने भी लोग मेरी छवि को बदनाम करने के लिए मेरे वीडियो वायरल कर रहे हैं, मुझ पर झूठे आरोप लगा रहे हैं… मैं उन सभी के विरुद्ध मामला दर्ज कराऊँगी।”
आपको बता दें कि 19 साल की लड़की का गला दबाया गया था और 29 सितंबर को गम्भीर चोटों और गहरे घावों की वजह से उसकी मृत्यु हो गई थी। इसके बाद से ही हाथरस मामला मीडिया और राजनेताओं के लिए प्रोपेगेंडा का माध्यम बन गया है। ख़बरों के अनुसार नक्सलवादियों से जुड़ी महिला ने खुद को लड़की की भाभी बताया था। वह महिला (भाभी) लड़की के परिजनों के घर रह रही थी और उस पर यह भी आरोप है कि वह उन्हें सिखा रही थी कि मीडिया के सामने क्या और कैसे बोलना है।