पिछले कुछ दिनों से चल रहे टीआरपी घोटाले ने एक नया मोड़ ले लिया है। महाराष्ट्र के बाद अब यह मामला उत्तर प्रदेश में भी सामने आया है। जिसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले के संबंध में एक शिकायत दर्ज की और राज्य सरकार ने सीबीआई को जाँच सौंपने का अनुरोध किया था। ताजा जानकारी के मुताबिक, सीबीआई ने टीआरपी घोटाले की जाँच के लिए एक FIR दर्ज कर ली है। यहाँ पर बता दें कि शुरुआत में इस मामले के संबंध में मुंबई पुलिस की FIR में इंडिया टुडे चैनल का नाम सामने आया था।
CBI registers FIR in the 'TRP scam'. UP Police first filed an FIR on the complaint of one Kamal Sharma from Barabanki. Case referred for a CBI probe, centre gave a go ahead.
— Raj Shekhar Jha (@rajshekharTOI) October 20, 2020
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यूपी सरकार ने इस मामले की सीबीआई जाँच की माँग की थी क्योंकि यह एक ऐसा मामला है जो कई राज्यों में फैला हुआ है। TRP में हेराफेरी करने वाले चैनलों से जुड़ी मूल शिकायत में कहा गया कि उन्हें अनुचित लाभ दिया गया। हमारे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इसकी निजी शिकायत गोल्डन रैबिट कंपनी के सीआईओ कमल शर्मा द्वारा दर्ज कराई गई थी। शिकायत लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई।
गौरतलब है कि टीआरपी के नए मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व असिस्टेंट कमिश्नर इकबाल शेख ने मुंबई के एक कोर्ट में याचिका दायर कर रिपब्लिक टीवी, आर भारत और अर्नब गोस्वामी पर कथित TRP घोटाले की रिपोर्टिंग से रोक लगाने की माँग की है। इसके साथ ही मुंबई के पूर्व सहायक पुलिस आयुक्त इकबाल शेख द्वारा दायर मुकदमे में मुंबई पुलिस के खिलाफ ‘अपमानजनक रिपोर्ट’ के कारण हुई मानसिक पीड़ा के लिए 5 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति की भी माँग की गई है।
इससे पहले रिपब्लिक टीवी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार (अक्टूबर 19, 2020) को कहा था कि रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी TRP मामले में आरोपित नहीं हैं। इसके बाद रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क और अर्नब गोस्वामी की तरफ से इस मुद्दे पर प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। जिसमें उन्होंने मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह पर 200 करोड़ के मानहानि के मुक़दमे की बात कही।
सुनवाई के दौरान मुंबई पुलिस ने कोर्ट में परमबीर का सिंह का साथ देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट में मुंबई पुलिस भी पीछे हट गई। महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस ने अदालत में यह बात स्वीकार ली कि टीआरपी मामले में दर्ज की गई एफ़आईआर में रिपब्लिक टीवी का नाम शामिल नहीं है। कोर्ट में उनके वकील ने भी माना कि रिपब्लिक आरोपित नहीं हैं। बता दें कि महाराष्ट्र राज्य और मुंबई पुलिस की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पेश हुए थे।