वाशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के नए एस्ट्रोफिजिक्स (खगोल भौतिकी) मिशन पर निजी एयरोस्पेस कंपनी स्पेसएक्स जल्द ही काम शुरू कर देगी। इस मिशन के जरिये अंतरिक्ष में इन्फ्रारेड लाइड (अवरक्त प्रकाश) का सर्वेक्षण किया जाएगा। दो वर्ष के इस मिशन को एसपीएचईआरईएक्स यानी स्पेक्ट्रो-फोटोमीटर फॉर द हिस्ट्री ऑफ द यूनिवर्स एपोच ऑफ रियनाइजेशन, एंड आइपीएस एक्सप्लोरर नाम दिया गया है।
वस्तुओं के गर्म होने पर निकलती है यह रेडिएशन
इस मिशन के लिए हाल ही नासा ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में काम करने वाली कई एजेंसियों में से अरबपति एलन मस्क के नेतृत्व वाली स्पेसएक्स का चुनाव किया था। नासा ने एक बयान में कहा, इन्फ्रारेड लाइट को सामान्य आंखों से नहीं देखा जा सकता। इसे हीट रेडिएशन भी कहा जाता है। यह इंफ्रारेड विकिरण (रेडिएशन) इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन का एक प्रकार है जो वस्तुओं के गर्म होने पर उत्सर्जित होता है।
ब्रह्मांड के जन्म और आकाशगंगाओं के विकास से जुड़े सवालों के जवाब देने के लिए इन्फ्रारेड लाइट एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में काम कर सकती है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, ‘एसपीएचईआरईएक्स’ उन क्षेत्रों में भी जीवन के लिए अत्यावश्यक माने जाने वाले पानी और कार्बनिक अणुओं की खोज भी करेगा जहां गैस और धूल से तारे जन्म लेते हैं, जिन्हें तारकीय नर्सरी कहा जाता है।
जून 2024 में लांच होगा मिशन
नासा के विज्ञानियों के मुताबिक जून, 2024 में कैलिफोर्निया में एयर फोर्स स्टेशन के स्पेस लांच कांप्लेक्स से फॉल्कन-9 रॉकेट के जरिये इस मिशन को प्रक्षेपित करने की योजना है। अंतरिक्ष यात्री 30 करोड़ से अधिक आकाशगंगाओं का डाटा इकट्ठा करने के लिए इस मिशन का उपयोग करेंगे। इसकी लांचिंग में 9.88 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।