मुंबई। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने शिवसेना नेता और पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को मनसुख हिरेन मर्डर केस और मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक रखे जाने के मामले में गुरुवार (17 जून) को गिरफ्तार किया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गुरुवार सुबह मुंबई के उपनगरीय इलाके अंधेरी में शर्मा के निवास पर एनआईए ने छापेमारी की। इसके अलावा शर्मा के एनजीओ पर भी छापेमारी की गई।
Mumbai: NIA conducts raid at the residence of Shiv Sena leader and former ‘encounter specialist’ of Mumbai Police, Pradeep Sharma. Details awaited.#Maharashtra pic.twitter.com/s6dO1WMh6T
— ANI (@ANI) June 17, 2021
कई रिपोर्ट में यह बताया गया है कि शर्मा से इस मामले में एनआईए द्वारा पूछताछ की जाती रही है। इंडिया टुडे द्वारा भी यह रिपोर्ट दी गई थी कि डाटा के तौर पर प्राप्त हुए सबूतों से भी एंटीलिया और मनसुख हिरेन मर्डर केस में प्रदीप शर्मा की संलिप्तता की जानकारी मिली है।
Mumbai | Shiv Sena leader and former ‘encounter specialist’ of Mumbai Police, Pradeep Sharma and two others produced before the Special NIA court
— ANI (@ANI) June 17, 2021
इन मामलों में अब तक पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे, रियाजुद्दीन काजी, सुनील माने, पूर्व पुलिस कॉन्स्टेबल विनायक शिंदे, क्रिकेट सट्टेबाज नरेश गौर, संतोष शेलार और आनंद जाधव की गिरफ्तार हो चुकी है। एनआईए के अनुसार संतोष और आनंद मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से भरी एसयूवी खड़ी करने के आरोपित हैं। प्रदीप शर्मा को 28 जून तक की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है। शर्मा के नाम पर 113 एनकाउंटर दर्ज हैं। वे 2019 में शिवसेना के टिकट पर मुंबई की नालासोपारा सीट से विधानसभा चुनाव भी लड़ा था।
मनसुख हिरेन मर्डर केस और एंटीलिया मामला
25 फरवरी को देश के जाने-माने उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से लदी एक एसयूवी पार्क की गई थी। सचिन वाजे ने सबसे पहले इस केस का भार अपने ऊपर लिया था और उस जगह पर भी सबसे पहले भी वही पहुँचा था। उसने बताया था कि घटनास्थल पर एक एसयूवी है जिसमें जिलेटिन रॉड और एक धमकी भरा पत्र मिला है। हालाँकि बाद में वह पत्र फर्जी निकला था।
एंटीलिया के बाहर मिली एसयूवी ठाणे के एक व्यापारी मनसुख हिरेन की थी जो रहस्यमयी परिस्थितियों में बाद में मृत मिला था। वाजे और मनसुख हिरेन के बीच संबंध सामने आने पर महाराष्ट्र एटीएस ने केस अपने हाथ में ले लिया था। वाजे को 15 साल निलंबित रहने के बाद अचानक ही मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच में बहाल किया गया था।
बाद में इस मामले को एनआईए को सौंप दिया गया। एनआईए ने वाजे के पूर्व सहयोगी असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर रियाजुद्दीन काजी, पुलिस कॉन्स्टेबल विनायक शिंदे और क्रिकेट सट्टेबाज नरेश गौर को गिरफ्तार किया। जाँच के दौरान वाजे ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 2 करोड़ रुपए की माँग करने का आरोप लगाया था। 24 अप्रैल को सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार और शक्तियों के गलत इस्तेमाल का मामला दर्ज किया। ईडी ने भी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग ऐक्ट के तहत देशमुख के खिलाफ मामला दर्ज किया था।