फर्रूखाबाद। उत्तर प्रदेश जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में अभी तक समाजवादी पार्टी का पलड़ा भारी दिख रहा है, लेकिन इस बीच भारतीय जनता पार्टी के हाथ वो जादुई चाभी लगी है जिसके सहारे वो कई सपाईयों को आसानी से पस्त कर सकती है।
दरअसल, भाजपा के खेमे में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की पूर्व वधू मोनिका यादव के शामिल होने पर जहां एक ओर भाजपाईयों में खुशी का माहौल है। जबकि सपाइयों के लिए ये बहुत ही दुख की बात है। मोनिका के भाजपा में शामिल होने से जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनावी समीकरण बदल गया है। बता दें कि मोनिका यादव बदायूं से पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की पूर्व पत्नी हैं।
बीते शुक्रवार शाम करीब 3 बजे फर्रूखाबाद जिला भाजपा कार्यालय पहुंची मोनिका यादव ने जिलाध्यक्ष रुपेश गुप्ता की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। रुपेश ने मोनिका को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए बतौर निर्दलीय प्रत्याशी पार्टी का समर्थन देने की घोषणा की।
मीडिया ने जब मोनिका से परिवार और सपा के बारे में पूछा तो उन्होंने साफ कहा कि मैंने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और रही बात मेरे भाई और पिता की, तो मैं भाजपा में व्यक्तिगत रूप से शामिल हुईं हूं। मैं हर हाल में जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव जीतूंगी। मेरे पास पूर्व बहुमत है।
बता दें कि मोनिका के भाजपा में आने से जिले का सियासी समीकरण बदल गया है। अब डॉ सुबोध यादव को सीधी टक्कर देने के लिए मोनिका यादव मैदान में उतरेंगी। अभी तक सुबोध की जीत लगभग-लगभग तय मानी जा रही थी, लेकिन भाजपा ने सपा को मात देने के लिए मोनिका यादव को 4 वोटों के साथ पार्टी की ताकत भी दे दी है।
वहीं, मोनिका के पिता और पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह यादव और उनके भाई सचिन यादव पर सपा की तलवार लटक रही है। माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें किसी भी वक्त बाहर का रास्ता दिखा सकती है।