लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए कार्य कर रही है। इसी क्रम में शनिवार (03 जुलाई) को यह घोषणा की गई कि राज्य को एक साथ 9 मेडिकल कॉलेज मिलने जा रहे हैं। सीएम आदित्यनाथ ने अपने आवास पर अधिकारियों के साथ की बैठक में उन्हें निर्देशित किया कि लगभग तैयार हो चुके 9 मेडिकल कॉलेजों के लोकार्पण की तैयारी शुरू की जाए। इसी महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण करेंगे।
2017 से पहले थे मात्र 12 मेडिकल कॉलेज:
यूपी के सीएम आदित्यनाथ का यह मानना है कि राज्य के प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज होना चाहिए। इसी महत्वाकांक्षा के चलते उनकी सरकार ने प्रयास शुरू किए। योगी सरकार के इन्हीं प्रयासों का नतीजा है कि 2017 से पहले जहाँ राज्य में मात्र 12 मेडिकल कॉलेज थे, वर्तमान में इनकी संख्या बढ़कर 48 हो चुकी है। इसके अलावा 13 अन्य मेडिकल कॉलेजों के निर्माण का कार्य चल रहा है। जिन 9 मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण पीएम मोदी द्वारा किया जाना है वो देवरिया, एटा, फतेहपुर, गाजीपुर, हरदोई, जौनपुर, मिर्जापुर, प्रतापगढ़ और सिद्धार्थनगर में बनाए गए हैं।
सीएम आदित्यनाथ ने इन कॉलेजों की चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतने का सख्त निर्देश दिया था। इसका पालन करते हुए इन कॉलेजों में 70% फ़ैकल्टी का चयन भी हो चुका है। इसके अलावा सरकार के प्रवक्ता द्वारा यह भी जानकारी दी गई कि 450 से अधिक संकाय सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है और मेरिट के आधार पर योग्य शिक्षकों का चयन भी किया जा रहा है।
देश की सबसे बड़ी जनसंख्या वाले राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार को योगी सरकार ने अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा। इसका प्रमाण कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान भी मिला जब राज्य में सीएम आदित्यनाथ के नेतृत्व में न केवल संक्रमण की दूसरी लहर को रोकने के उपाय किए गए, बल्कि तीसरी लहर से लड़ने की व्यवस्थाएँ भी पुख्ता की गईं।
राज्य में 441 ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की जा रही है, जिनमें से 131 ऑक्सीजन प्लांट सक्रिय भी हो चुके हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर एवं रायबरेली में एम्स की स्थापना के साथ 6 नए सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक की स्थापना भी की गई है।
खुदरा, थोक व्यापारियों को MSME में शामिल किए जाने का स्वागत
यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने खुदरा और थोक व्यापारियों को एमएसएमई के अंतर्गत शामिल किए जाने के निर्णय का स्वागत किया है। सीएम आदित्यनाथ ने ट्वीट करके कहा कि एमएसएमई को अर्थव्यवस्था में विकास का इंजन माना गया है। ऐसे में खुदरा और थोक व्यापार को इसमें शामिल करने से न केवल अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी, बल्कि रोजगार भी सृजित किए जा सकेंगे। केंद्र सरकार के इस फैसले से उत्तर प्रदेश के लाखों खुदरा और थोक व्यापारियों को लाभ मिलेगा।
अब संशोधित दिशा निर्देशों के अंतर्गत खुदरा और थोक व्यापार को भी भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार प्राथमिकता वाले क्षेत्र के तहत ऋण प्राप्त करने का लाभ मिलेगा।
यह निर्णय प्रदेश के लाखों खुदरा और थोक व्यापारियों को लाभांवित करेगा।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 3, 2021
पीएम मोदी ने भी ट्वीट करके जानकारी दी थी, “हमारी सरकार ने खुदरा एवं थोक व्यापार को एमएसएमई में शामिल करने का निर्णय लिया है। इससे हमारे करोड़ों व्यापारियों को वित्तीय और दूसरे लाभ लेने में आसानी होगी, जिससे वो अपना व्यापार बढ़ा पाएँगे।”
Our government has taken a landmark step of including retail and wholesale trade as MSME. This will help crores of our traders get easier finance, various other benefits and also help boost their business.
We are committed to empowering our traders. https://t.co/FTdmFpaOaU
— Narendra Modi (@narendramodi) July 3, 2021
ज्ञात हो कि शुक्रवार (2 जुलाई 2021) को भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री नितिन गडकरी ने खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के तहत शामिल करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा था कि Covid-19 की दूसरी लहर के दौरान खुदरा और थोक व्यापारियों के व्यवसाय पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। इसी के चलते खुदरा व थोक व्यवसाय को एमएसएमई के दायरे में लाने का निर्णय लिया गया है।
इस फैसले के बाद खुदरा और थोक व्यापारी भी अपने व्यवसाय का एमएसएमई के तहत पंजीकरण करा सकेंगे। इस निर्णय से लगभग 2.5 करोड़ से अधिक व्यापारियों लाभ मिलने की संभावना है। इसके अलावा इन व्यापारियों को आरबीआई की गाइडलाइंस के तहत प्राथमिकता के आधार पर ऋण मिलने में भी आसानी होगी।