कांकेर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में प्रचार अंतिम चरण में पहुंचा चुका है. इसे देखते हुए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की रैलियां हुईं. पीएम मोदी ने बस्तर में रैली को संबोधित किया तो राहुल गांधी ने कांकेर में जनसभा को संबोधित किया. राहुल गांधी ने जनसभा में नोटबंदी का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार को निशाने पर लिया. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘आपने (पीएम मोदी) नोटबंदी करके देशभर के लोगों को लाइन में खड़ा कर दिया, लेकिन काला धन रखने वाला कोई भी शख्स नहीं दिखा. इसके बजाय नीरव मोदी, विजय माल्या, ललित मोदी और मेहुल चौकसी जैसे लोग देश का पैसा लेकर भाग गए.’
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला और आरोप लगाया कि मोदी सरकार का नोटबंदी का कदम खुद से पैदा की गई ‘त्रासदी’ और ‘आत्मघाती हमला’ था जिससे प्रधानमंत्री के ‘सूट-बूट वाले मित्रों’ ने अपने कालेधन को सफेद करने का काम किया. उन्होंने यह भी दावा किया कि नोटबंदी की पूरी सच्चाई अभी सामने नहीं आई है और देश की जनता पूरा सच जानने तक चैन से नहीं बैठेगी.
उन्होंने दावा किया, ‘नोटबंदी एक त्रासदी थी. अतीत में भारत ने कई त्रासदियों का सामना किया है. कई बार हमारे बाहरी दुश्मनों ने हमें नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. लेकिन हमारी त्रासदियों के इतिहास में नोटबंदी अपनी तरह की एक अलग त्रासदी है जिसे खुद से लाया गया. यह एक आत्मघाती हमला था जिससे करोड़ों जिंदगियां बर्बाद हो गईं और भारत के हजारों छोटे कारोबार नष्ट हो गए.’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘नोटबंदी से सबसे ज्यादा प्रभावित गरीब लोग हुए, लोगों को अपनी गाढ़ी कमाई के पैसे को बदलवाने के लिए कई दिनों तक कतारों में खड़े रहना पड़ा.100 से अधिक लोगों की कतारों में मौत हो गई्’ गांधी ने दावा किया कि मोदी सरकार ने नोटबंदी के समय जिन लक्ष्यों की बात की थी उनमें से एक भी लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है और इसके उलट देश की जीडीपी में एक फीसदी की कमी आई.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘प्रधानंत्री की ऐतिहासिक गलती के दो साल पूरा होने के मौके पर वित्त मंत्री (जेटली) सहित बातों को घुमाने वाले सरकार के लोगों के पास यह बहुत मुश्किल काम है कि वो इस आपराधिक नीति का बचाव करें.’ नोटबंदी को ‘आपराधिक वित्तीय घोटाला करार देते हुए गांधी ने कहा, ‘नोटबंदी की पूरी सच्चाई अभी आनी है. भारत के लोग पूरी सच्चाई सामने आने तक चैन से नहीं बैठेंगे.’
इससे पहले राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘नोटबंदी सोच-समझ कर किया गया एक क्रूर षड्यंत्र था. यह घोटाला प्रधानमंत्री के सूट-बूट वाले मित्रों का काला-धन सफेद करने की एक धूर्त स्कीम थी. इस कांड में कुछ भी मासूम नहीं था. इसका कोई भी दूसरा अर्थ निकालना राष्ट्र की समझ का अपमान है.’ गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा की जिसके तहत, उन दिनों चल रहे 500 रुपये और एक हजार रुपये के नोट चलन से बाहर हो गए थे.