BIG BREAKING: नहीं काम आईं दुआएं, जापान के पूर्व PM शिंजो आबे का निधन

शिंजो आबे को गोली मारने के बाद हमलावर ने भागने की कोशिश की, लेकिन उसे पकड़ लिया गया (फोटो- Kyodo via REUTERS)जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का निधन हो गया है. जब वो नारा शहर में एक रैली कर रहे थे, तभी हमलावर ने उन पर दो गोलियां चलाईं थीं. एक गोली उनके सीने के आरपार चली गई, जबकि दूसरी गोली गर्दन पर लगी. गोली लगते ही आबे सड़क पर गिर पड़े थे. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी.

आबे की हत्या करने वाले की पहचान यामागामी तेत्सुया के रूप में हुई है. उसकी उम्र 41 साल है. गोली चलाने के बाद यामागामी ने वहां से भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया. स्थानीय मीडिया के मुताबिक, पूछताछ में यामागामी ने बताया है कि वो आबे की किसी बात से ‘नाराज’ था, इसलिए उनकी जान लेना चाहता था.

यामागामी के बारे में अब तक बहुत ज्यादा जानकारी सामने नहीं आ सकी है. हालांकि, बताया जा रहा है कि यामागामी नारा शहर का ही रहने वाला था. उसने जापान की मैरिटाइम स्पेशल डिफेंस फोर्स में भी काम किया था. उसने 2005 तक करीब तीन साल वहां काम किया था. मैरिटाइम स्पेशल डिफेंस फोर्स को जापान की नेवी के रूप में भी जाना जाता है.

जापान में आज से 90 साल पहले नेवी के अधिकारियों ने ही प्रधानमंत्री की हत्या कर दी थी. ये हत्या तख्तापलट करने की कोशिश में हुई थी. हालांकि, तख्तापलट हो नहीं पाया था.

क्या हुआ था उस समय?

– 13 दिसंबर 1931 को इनुकाई सुयोशी जापान के प्रधानमंत्री बने. प्रधानमंत्री बनने के कुछ दिन बाद ही लंदन नौसेना के साथ एक संधि हुई, जिसमें इंपीरियल जापानी नेवी का साइज सीमित करने पर सहमति बनी.

– इस फैसले से इंपीरियल जापानी नेवी से जुड़े युवा नौसेनिकों में असंतोष बढ़ गया. उन्होंने सत्ता को उखाड़ फेंकने के मकसद से आंदोलन छेड़ दिया.

– 15 मई 1932 को नेवी के 11 युवा अफसरों ने प्रधानमंत्री आवास में घुसकर इनुकाई सुयोशी की हत्या कर दी. सुयोशी के आखिरी शब्द थे, ‘मैं अगर बोल सकता, तो तुम समझ जाते’, इस पर हमलावरों ने कहा, ‘बात करना बेकार है.’

– कहा जाता है कि हमलावर चार्ली चैप्लिन की हत्या भी करना चाहते थे. 14 मई 1932 को ही इनुकाई सुयोशी के न्योते पर चैप्लिन जापान आए थे. हमलावरों का मानना था कि अगर चैप्लिन की हत्या कर दी जाती है, तो अमेरिका से युद्ध छिड़ जाएगा, जिससे जापान के लोगों में डर फैल जाएगा और सत्ता बदलने की मांग होने लगेगी.

– जिस समय इनोकाई सुयोशी की हत्या हो रही थी, उस समय उनके बेटे इनुकाई ताकेरू चार्ली चैप्लिन के साथ बैठकर सूमो रेसलिंग मैच देख रहे थे. शायद इसी वजह से दोनों की जान बच गई.

हत्यारों का क्या हुआ?

प्रधानमंत्री इनुकाई सुयोशी की हत्या करने वाले 11 हमलावरों का कोर्ट मार्शल किया गया. देशभर में हत्यारों के प्रति एक सहानुभूति थी. लोगों ने अदालत से उन्हें कम से कम सजा देने की मांग की. प्रधानमंत्री के हत्यारों को बेहद कम सजा दी गई और जल्दी ही रिहा कर दिया गया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *