रूसी मिसाइल का निशाना केवल 300 मीटर नहीं चूकता तो… हो सकती थी चेर्नोबिल जैसी तबाही!

रूस ने सोमवार की तड़के यूक्रेन के दक्षिण में पिवडेनौक्रेनस्क (Pivdennoukrainsk) परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमला किया. लेकिन इसके रिएक्टरों को कोई नुकसान नहीं हुआ है और वे सामान्य रूप से काम कर रहे हैं. यूक्रेन की सरकारी परमाणु कंपनी एनरगोएटम (Energoatom) ने कहा कि रूसी सैनिकों ने सोमवार तड़के मिसाइल हमला किया लेकिन उनका निशाना चूक गया और रिएक्टरों से 300 मीटर की दूरी पर एक विस्फोट हुआ. वर्तमान में पिवडेनौक्रेनस्क परमाणु ऊर्जा संयंत्र की सभी तीन बिजली इकाइयां सामान्य रूप से काम कर रही हैं. हमले में संयंत्र के कर्मचारियों में कोई हताहत नहीं हुआ.

सोशल मीडिया पर मिसाइल के हमले से बने एक गड्ढा दिखाते हुए तस्वीरें शेयर की गईं हैं. जिसमें बताया गया कि यह विस्फोट के कारण हुआ था. एक तस्वीर में एक आदमी उसके आकार का अंदाजा लगाने के लिए गड्ढे में खड़ा था. टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप पर इस हमले के बारे में टिप्पणी करते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि ‘हमलावरों ने फिर से हमला करना चाहा, लेकिन वे भूल गए कि परमाणु ऊर्जा संयंत्र क्या है? रूस पूरी दुनिया को खतरे में डाल रहा है. इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, हमें इसे रोकना होगा.’

यूक्रेन के इन आरोपों पर रूस ने तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. हाल के हफ्तों में मायकोलाइव इलाके पर रूसी सेना लगातार रॉकेट हमले कर रही है. जापोरिज्जिया में एक और यूक्रेनी परमाणु ऊर्जा संयंत्र इस महीने की शुरुआत में रूसी गोलाबारी के कारण बंद कर दिया गया था. जिससे संभावित परमाणु आपदा के बारे में चिंता पैदा हो गई थी. जापोरिज्जिया यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु संयंत्र है और मायकोलाइव साइट से लगभग 250 किमी. (155 मील) पूर्व में स्थित है. रूस और यूक्रेन ने जापोरिज्जिया परमाणु संयंत्र पर गोलाबारी के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराया है. फिलहाल संयंत्र रूसी सेना के कब्जे है लेकिन इसे यूक्रेनी कर्मचारी संचालित कर रहे हैं. गोलाबारी से जापोरिज्जिया परमाणु संयंत्र की इमारतों को नुकसान पहुंचा था और बिजली लाइनें बाधित हो गईं थीं.

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