पाकिस्तान के विदेश मंत्री का कहना है कि वो फिलहाल चीन के कर्ज की अदला बदली को लेकर कोई बात नहीं करेंगे। उन्होंने यहां तक कहा है कि जब भी इस तरह की कोई बात होगी तो वो पाकिस्तान की शर्तों पर ही होगी। उन्होंने इस्लामाबाद में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ये बात कही है। उन्होंने इस दौरान कहा कि पाकिस्तान देश में आई बाढ़ और इससे उपजे हालातों के बावजूद भी चीन से कर्ज माफी, या इसकी शर्तों में बदलाव को लेकर कोई बात नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की कोई भी बातचीत पाकिस्तान की शर्तों पर ही होगी।
बिलावल का बयान काफी खास
बिलावल की तरफ से आया ये बयान अपने आप में काफी खास हो गया है। खास इसलिए क्योंकि उनकी अमेरिका यात्रा और वहां पर हुई विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से क मुलाकात के दौरान ही इस मुद्दे पर बात हुई थी। ब्लिंकन ने बिलावल को सलाह दी थी कि पाकिस्तान को देश में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर चीन से कर्ज माफी की अपील करनी चाहिए। उस वक्त बिलावल ने इसको लेकर कोई जवाब नहीं दिया था, लेकिन स्वदेश वापसी के साथ ही उन्होंने ब्लिंकन की सलाह को फिलहाल ठंडे बस्ते में डालने का फैसला किया है।
यूएस की सलाह पर भड़का चीन
आपको बता दें कि अमेरिका की दी इस सलाह पर चीन का कड़ा रुख सामने देखने को मिला था। चीन के विदेश मंत्रालय ने इस पर अमेरिका को नसीहत देते हुए कहा था कि उसको पाकिस्तान में पीडि़तों की मदद के बारे में ही सोचना चाहिए, जिससे उनका कुछ भला हो सके। इस तरह का बयान देकर अमेरिका को दोनों देशों के बीच किसी तरह के तनाव को पैदा करने से बचना चाहिए। यहां पर ये भी बताना जरूरी है कि आर्थिक रूप से बदहाल श्रीलंका ने भी चीन से कर्ज माफी की अपील की थी, लेकिन इस अपील को चीन ने नजरअंदाज कर दिया था, जबकि बांग्लादेश ने श्रीलंका की अपील पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए कर्ज वापसी की मियाद को बढ़ा दिया था। ऐसे में चीन पाकिस्तान की अपील पर कितना सकारात्मक रवैया अपनाता वो चीन के विदेश मंत्रालय के बयान से भी काफी कुछ स्पष्ट हो गया है।
बिलावल का इंटरव्यू
गौरतलब है कि बिलावल ने हाल ही में अमेरिकी मैग्जीन को एक इंटरव्यू दिया था, जिसमें बाढ़ से पीडि़त लोगों के लिए विश्व बिरादरी से मदद की अपील को लेकर कई सवाल पूछे गए थे। इस दौरान भारत को लेकर भी प्रश्न किए गए थे। बिलावल ने इस दौरान कहा था कि पाकिस्तान भारत से कोई मदद की अपील नहीं करेगा। इसमें उन्होंने यहां तक कहा था कि पाकिस्तान ने मदद को लेकर किसी के आगे हाथ नहीं फैलाए हैं। जिस किसी ने मदद की है वो वोलेंटियर्स के रूप में ही की है।