भारत-पाकिस्तान के संबंधों पर सारी दुनिया की नजरें रहती हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर से भारत से बातचीत की अपील के एक हफ्ते बाद अमेरिका ने इस पर टिप्पणी की है. अमेरिका ने कहा है कि वह दक्षिण एशिया में शांति का समर्थन करता है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी तरह की बातचीत दोनों देशों का आपसी मामला है.
प्राइस ने कहा कि दोनों देश के बीच शांति क्षेत्रीय स्थिरता के लिए बेहद अहम है और अमेरिकी लंबे समय से इलाके में शांति की मांग करता रहा है. प्राइस ने कहा, ‘निश्चित रूप से हम क्षेत्र में स्थिरता देखना चाहते हैं.’
पाकिस्तान के साथ अमेरिका के संबंधों पर बोले प्राइस
पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में इमरान खान की सरकार के समय थोड़ी खटास आई थी. इमरान खान अमेरिका की अपेक्षा रूस के साथ अपने संबंधों को अधिक महत्व देने लगे थे. खान के खिलाफ जब पाकिस्तान में माहौल तैयार किया जा रहा था, तब वह अमेरिका पर लगातार हमले कर रहे थे. उनका आरोप था कि विपक्ष अमेरिका के साथ मिलकर उन्हें सत्ता से हटाना चाहता है. कुछ समय बाद इमरान खान पाकिस्तान की संसद में बहुमत साबित नहीं कर पाए और अपनी कुर्सी से हाथ धो बैठे.
शहबाज शरीफ के सत्ता में आने के बाद से दोनों देशों के रिश्ते पटरी पर आने शुरू हुए हैं. अमेरिका-पाकिस्तान के संबंधों पर भी नेड प्राइस से सवाल किया गया जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिका पाकिस्तान में किसी भी निर्वाचित सरकार से बातचीत के लिए तैयार है और उसके साथ काम करेगा.
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान हमारा साथी है. हम कई हितों को साझा करते हैं. हमने पाकिस्तान की सभी सरकारों के साथ बेहतर संबंध रखने की इच्छा दिखाई है.’
हालांकि, नेड प्राइस ने यह जरूर कहा कि अमेरिका पाकिस्तान की सरकारों को उनके द्वारा अपनाई जाने वाली नीतियों के आधार पर आंकता है.
भारत से बातचीत को लेकर क्या कहा था शहबाज शरीफ ने
शहबाज शरीफ ने संयुक्त अरब अमीरात के समाचार चैनल अल-अरबिया से एक इंटरव्यू में कहा था कि वह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ईमानदारी से हुई बातचीत चाहते हैं. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच पूर्व में कई युद्ध हुए जिससे काफी नुकसान हुआ. पाकिस्तान अपना सबक सीख चुका है और अब वह भारत के साथ कश्मीर सहित अन्य सभी लंबित मुद्दों पर गंभीरता से बातचीत करना चाहता है.
अपनी बातचीत में शरीफ ने यह भी कहा था कि यूएई दोनों देशों को बातचीत की टेबल पर लाने में बड़ी भूमिका अदा कर सकता है.
शरीफ के इस बयान के एक दिन बाद ही प्रधानमंत्री कार्यालय ने उनके बयान पर स्पष्टीकरण जारी कर कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत तभी संभव है जब भारत जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को पुनः बहाल करेगा. भारत ने पाकिस्तान की तरफ से आ रहे इन बयानों पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.