कानपुर/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में हुई घटना की जांच के लिए गठित एसआईटी घटनास्थल पर पहुंची. टीम के साथ जिलाधिकारी नेहा जैन भी थीं. टीम ने पीड़ित परिवार से बातचीत की और वीडियोग्राफी भी कराई. साथ ही उस मोबाइल शॉप पर भी जाकर देखा, जहां से इस पूरे मामले का विवाद होना बताया जा रहा है.
एसआईटी टीम द्वारा पीड़ित शिवम से पूछताछ की गई. इसको लेकर शिवम ने कहा कि एसआईटी ने घटना के संबंध में जानकारी ली है. वहीं, जब शिवम से जिलाधिकारी पर लगाए गए आरोपों के बारे में सवाल किया गया तो उसके बोलने से पहले ही प्रशासन ने वहां से गाड़ी आगे बढ़ा दी. जिलाधिकारी के बारे में उसे कुछ भी नहीं कहने दिया.
शासन द्वारा दूर रहने के लिए कहा गया था
वहीं, घटना के 3 दिन बाद एसआईटी टीम के साथ जिलाधिकारी नेहा जैन मौके पर पहुंचीं तो उन्होंने कहा, ‘घटना पर लगातार नजर थी. घटना के समय भी आस-पास ही मौजूद थी और जानकारी ले रही थी. हालांकि, शासन द्वारा उनको दूर रहने के लिए कहा गया था.’
नेहा जैन कहा कि बहुत ही दुखद घटना हुई है. वहीं. पीड़ित परिवार के 14 तारीख को उनके कार्यालय पहुंचने के मामले में कहा कि एडीएम ने उन लोगों से बात की थी. मेरे खिलाफ जो माहौल बनाया जा रहा है, उसको लेकर बता दूं कि 12 फरवरी को कानपुर देहात महोत्सव था. 13 तारीख को घटना हुई वो बहुत ही दुखद है. दोनों को एक-दूसरे से जोड़ा न जाए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस पर नजर रखी जा रही है.
जांच में जो भी होगा, सब सामने आ जाएगा
कहा कि शासन द्वारा गठित एसआईटी टीम इस मामले की जांच कर रही है. जांच में जो भी होगा, सब सामने आ जाएगा. मेरे द्वारा जनसुनवाई में शिकायतें सुनी जाती हैं. मुझ पर जो आरोप लग रहे हैं, वो बिल्कुल गलत हैं. गौरतलब है कि इस घटना में विपक्षी पार्टियां सरकार को घेरकर जिलाधिकारी पर कार्रवाई की बात कह रही थीं. इसी को लेकर डीएम ने ये तमाम बातें कहीं.
39 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
बता दें कि इस मामले में पुलिस ने एक एसडीएम, चार राजस्व अधिकारियों और एक दर्जन से अधिक पुलिस कर्मचारियों समेत 39 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. बीते दिन आईजी (कानपुर रेंज) प्रशांत कुमार ने बताया था कि मामले में एसडीएम (मैथा) ज्ञानेश्वर प्रसाद को भी निलंबित कर दिया गया है.
एफआईआर में हत्या, हत्या के प्रयास के अलावा मवेशियों को मारने और अपंग बनाने की कोशिश, घर को नष्ट करने के इरादे से आग लगाने समेत कई आरोप लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि पीड़ितों के घर को गिराने में इस्तेमाल किया गया बुलडोजर जब्त कर लिया गया है.
कानपुर देहात के एसपी का कहना था कि मृतक महिला प्रमिला दीक्षित के बेटे शिवम दीक्षित के खिलाफ ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा करने का आरोप था. परिवार के ही एक व्यक्ति ने इसकी शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद के नेतृत्व में जिला प्रशासन की टीम वहां अतिक्रमण हटाने गई थी.
एसपी ने आगे कहा कि अतिक्रमण को बुलडोजर से हटाया जा रहा था. तभी कथित तौर पर प्रमिला दीक्षित और उनकी बेटी नेहा ने पुलिस, जिला प्रशासन और राजस्व अधिकारियों की मौजूदगी में झोपड़ी में खुद को आग लगा ली थी. इसमें जिंदा जलने के कारण दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी. वहीं, शिवम के पिता कृष्ण गोपाल दीक्षित भी घायल हुए थे.