अमृतसर। करतारपुर साहिब कॉरिडोर की नींव रखे जाने में शामिल होने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू सुर्खियों में हैं. सिद्धू की एक तस्वीर पर काफी विवाद हो रहा है जिसमें वे खालिस्तान समर्थक आतंकी गोपाल चावला के साथ दिख रहे हैं. चावला ने सिद्धू के साथ मुलाकात की तस्वीर अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया है. इस तस्वीर को शेयर करते हुए गोपाल चावला ने सिद्धू को ‘पाजी’ कहकर संबोधित किया है. पंजाबी में ‘पाजी’ का मतलब बड़ा भाई होता है.
Zee पंजाब हरियाणा के संपादक दिनेश शर्मा ने अमृतसर में सिद्धू से इस यात्रा को लेकर विशेष बातचीत की. उन्होंने इस पूरे विवाद पर बेबाकी से अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि मेरी दोस्ती वसीम से है, वकार से है, इनको हम बड़ा भाई मानते थे. इज्जत बहुत है. जो संघर्ष हुआ, मेरा भी रहा है.
सवाल- पाकिस्तान दोस्ती के लिए तैयार है ?
सिद्धू- मैं तो अपोजिशन में हूं. मैं हर रोज सवाल करता हूं. मैं तो नहीं कह सकता कि उनकी क्या पॉलिसी है. मेरे सपने हैं. मैं भारत सरकार के बारे में कुछ नहीं कहता. मैं निर्णय में इंटरफेयर नहीं करता हूं. जब कराची और मुंबई खुला है, पठानकोट क्यों नहीं खुला है ? कॉरिडोर कई संभावनाओं से भरा है. नारोवाल में जमीन आसमान छू रही है. पर कैपिटा इनकम बढ़ रही है. क्या ये सपने देखना गलत है. जो मंडियां बसाई हैं आज खोल दो, एक साल में सौ साल की तरक्की है. हमने लड़ाईयां देखी हैं. हर तरह का त्याग हमने दिया है. इतना तो हक बनता है कि सारे रास्ते खुल जाएं. बाबा नानक के नाम पर खुल जाएं. पीपल टू पीपल कॉन्टैक्ट बनाना होगा. ये संपर्क ही संदेह को मिटाएगा. उससे हर चीज सही हो जाएगा. ये सरकारों के उपर है कि वो आवामों के बारे में सोचती है की नहीं.
सवाल- पाकिस्तान के कथनी और करनी में अंतर है ?
जवाब- मदीना में नहीं जा रहे हैं, जेरूसलम में नहीं जा रहे हैं. किस शास्त्र में लिखा है कि चार किलोमीटर दूर खड़ा कर दो. वहां भी लड़ाई हो रही है. अगर ये नफरतें मिटानी हैं तो ये रास्ता है. इसके बाद कोई बाप अपने बेटे का जनाजा नहीं उठाएगा.
सवाल- पाकिस्तान में सरकार सेना चलाती है ?
जवाब- अगर सरकार फौज चलाती है तो मुशर्रफ प्रधानमंत्री क्यों नहीं बन जाते. ये सब गलत बात है. आप क्या सोचते हैं आप ये बता दो. जो जर्नलिस्ट वहां जाते हैं वो क्या महसूस करते हैं. मैं वहां होकर आया हूं. खून खराबे से किसी को कुछ नहीं मिलने वाला है. स्टेट के मसले बातचीत से सुलझते हैं. जानें दोनों तरफ जाती हैं. सरकार जो निर्णय लेगी हम उसी पर चलेंगे. वो तीन महीने पहले से कह रहे थे. अगर तीन महीने पहले बात हो जाती तो ये काम तीन महीने पहले हो जाता.
सिद्धू- जैसे इधर प्यार मिलता है, उधर भी मिलता है. मैं जूतियां लेने गया, सभी सेल्फी ले रहे थे. ये प्रधानमंत्री नया बना है. अगर आप उनको समय दोगे तो देखोगे. क्या कोई अपनी बात से फिरा. मैंने उनसे बात की. यहां सुषमा जी से बात हुई. वो बात करने से मना हो गया था. बाबा नानक की मैहरी है. वो सिर्फ जरिया बनाता है. जिन्होंने क्रेडिट की मांग करता है उसे हटा देता है. ये आवाम के भले के लिए है.
सवाल- ये माना जाए कि झप्पी थी बाजवा को वो भी काम कर गई ?
जवाब- झप्पी इजहार ए प्यार है. क्या ये कोई डील है. अंबाली और डसाल्ट का शेयर थोड़े ही बढ़ा रहा था. 12 करोड़ लोगों का भला हो गया. लोगों का काम है कहना. विरोधी का काम है विरोध करना उसे करने दो.
सवाल- आपका विरोध होता है ?
जवाब- विरोध उन्हीं का होता है जो तगड़े होते हैं.
सवाल- आप अच्छा काम कर रहे हैं.
जवाब- मेरे बारे में क्या कहेंगे लोग, ये रोग सिद्धू को नहीं है.
सवाल- कोई डर नहीं है विरोधियों का ?
जवाब- मैं डरता नहीं. जब चवन्नीबरदार नहीं होते हैं तो आप बड़े लोगों को सवाल करते हैं. नवजोत स्वतंत्रता सेनानी का बेटा है. जो मैंने कहा वो दुनिया के सामने था.
सवाल- पंजाब सरकार की तरफ से आप भारत सरकार को लिखेंगे ?
जवाब- मैं लिख चुका हूं. अब रिस्पान्स दिख रहा होता है. वो लगने लगा है. जिन्होंने करना है वो रिस्पॉन्सिव है.
सवाल- सीएम ने कहा कि उन्होंने आपको मना किया था ?
जवाब- सेंट्रल लीडरशिप मेरे साथ हैं. सीएम मेरे पिता समान है. मैंने वचन दिया था तो फिर प्राण जाए पर वचन न जाए.
सवाल- इमरान खान ने कहा कि सिद्धू पाकिस्तान से चुनाव लड़ लें ?
जवाब- उनके कहने का मतलब है कि मैं बहुत पॉपुलर हूं. उन्होंने मेरे लिए ट्वीट किया था. एकबार भी किसी के लिए कोई आवाज उठी. वाजपेई जी भी गए थे. पीएम मोदी जी बिना बुलाए चले गए. कोई बात नहीं हुई. मेरी नीयत में कोई खोट नहीं है.
सवाल- पाकिस्तान की नीयत भी साफ है ?
जवाब- 71 साल बाद नए वजीर के आने के बाद सोच बदल गई है. नई सोच है, नई दिशा है बिल्कुल अलग रवैया है.
सवाल- आपके विरोधी तस्वीर दिखा रहे हैं ?
जवाब- मेरे साथ हजारों लोग फोटो खिचवा रहे हैं. मैं नहीं जानता चीमा कौन है, चावला कौन है. मैं नहीं जानता हूं.
सवाल- आप करतारपुर में नतमस्तक हुए. ये सपना जल्द पूरा होगा ?
जवाब- मैं सोचा था कि अकेले जाउंगा. हाथ लगाते ही आंसू निकल आए. अंदर गया तो सुकून मिला. जो दिखा वो बयान नहीं कर सकता. चद्दर चढ़ाई, लंगर खाई. खेतों में हल चलाया, आधे घंटे खाता चला गया. जन्मों की भूख मिट गई. वहां की मिट्टी ली. उन्हीं खेतों से गन्ना लाया नोनी के लिए. वहां काम शुरू हो गया है. 50-100 बंदे काम कर रहे हैं. उसका काम चालू है.
सवाल- क्या ये दोस्ती का नया ब्रिज होगा ?
जवाब- ये 200 खिड़की और खोलेगा. इससे बाबा साहब का नाम जुड़ा है. इससे बड़ा जोड़ने वाला कोई नहीं होगा. जब आप तीर्थयात्री बन कर जाते हैं तो बेहतर नेता होंगे.
सवाल- करतारपुर के साथ क्या ननकाना साहिब के लिए भी वीजा नहीं लगेगा ?
जबाव- उन्होंने कहा कि वो सर्किट बना सकते हैं. मेरी बात हूई. वो प्लान कर रहे हैं लेकिन उसके लिए भारत सरकार की तरफ से बात होनी चाहिए.
सवाल- हिंदुओ के मंदिरों के बारे में बात हुई ?
जवाब- सबका भला मांग रहे हैं. किसी ने फरियाद रखी है अभी तक. आप रखो मांग सिद्धू सबसे आगे रहेगा. अगर आपकी पड़ोसी से लड़ाई हुई है तो क्या आप दरबार साहब जाना बंद कर दोगे. लेकिन दोनों तरफ से पहल होनी चाहिए. ये बातचीत के लिए सही समय है.
सिद्धू ने हर सवाल का बेवाकी से जवाब दिया. उन्होंने साफ-साफ कहा कि मैं भाग कर इमरान खान से मिलने गया था. जो विश्वास मुझे अमृतसर के लोगों ने दिया उसका सिला इमरान ने दे दिया.