आतंकवाद से लड़ाई में मारे गए 1 लाख लोग, 2.7 करोड़ बच्चे नहीं जाते स्कूल; PAK राष्ट्रपति के भाषण की चर्चा

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने आर्थिक संकट से जूझ रहे अपने मुल्क की आजादी की 76वीं सालगिरह पर देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने राजनीतिक नेताओं से मतभेद और मनमुटाव दूर करने की अपील की। इस्लामाबाद कन्वेंशन सेंटर में आयोजित ध्वजारोहण समारोह में राष्ट्रपति ने आर्थिक संकट के दौरान पाकिस्तान की मदद करने के लिए चीन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान और तुर्किये जैसे मित्र राष्ट्रों के प्रति आभार जताया। उन्होंने भरोसा जताया कि पाकिस्तान चंद सालों में विकसित देश बन सकता है। राजनीतिक नेताओं और पक्षकारों से माफ कर देने के पथ पर चलने की अपील करते हुए अल्वी ने कहा, ‘इस मुल्क के नेताओं एकजुट होने की मैं अपील करता हूं।’

राष्ट्रपति ने कहा कि तरक्की हासिल करने के लिए भाई-भतीजावाद से मुक्ति पाना, प्रतिभा को बढ़ावा देना और खासकर सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र में सभी के लिए इंसाफ सुनिश्चित करना अहम है। उन्होंने इस बात पर दुख जताया कि मुल्क के 2.7 करोड़ बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं। उन्होंने देश के समृद्ध वर्ग से आगे आकर इन बच्चों की शिक्षा का इंतजाम करने की गुजारिश की। राष्ट्रपति ने आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की बड़ी भागीदारी को भी रेखांकित किया। आतंकवाद के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘दहशतगर्दी के खिलाफ लड़ाई में तकरीबन एक लाख लोग मारे गए हैं और आश्वस्त किया कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रतिबद्ध है।’

‘अंजाम तक नहीं पहुंची पाकिस्तान की कहानी’
अल्वी ने नागरिकों से समाज के वंचित तबके के कल्याण और उसके उत्थान की दिशा में काम करने की गुजारिश की। राष्ट्रपति ने सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा चुनौतियों से पार पाने के लिए राष्ट्रीय एकता की जरूरत की बात फिर से दोहराई। निवर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने एक संदेश में कहा कि मुल्क ने कई मुश्किलों को शिकस्त दी है और कई उपलब्धियां हासिल की हैं, जबकि पाकिस्तान की कहानी अभी अपने अंजाम तक नहीं पहुंची है। पाकिस्तान की फौज के प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने देश के संस्थापकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि मुल्क जानता है कि मुश्किल से हासिल आजादी की रक्षा कैसे करनी है।

भू-राजनीतिक टकराव से लेकर आतंरिक खतरों तक चुनौतियां

काकुल में रविवार देर शाम पाकिस्तान सैन्य अकादमी के आजादी परेड में अपने संबोधन में सेनाध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्र ने स्वतंत्रता, समानता और खुशी की तलाश का जश्न मनाने की इस परंपरा को बनाए रखा है, जिसे हमें संजोकर रखना चाहिए। जनरल मुनीर ने माना कि मुल्क ने भू-राजनीतिक टकराव से लेकर आतंरिक खतरों तक अनगिनत चुनौतियों का सामना किया है। उन्होंने कहा, ‘मैं उन सभी को हमारे महान कायद के शब्दों में आगाह करना चाहता हूं कि धरती पर ऐसी कोई ताकत नहीं है जो पाकिस्तान को खत्म कर सके। फौज किसी भी कीमत पर देश की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए तैयार खड़ी है।’

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