केरल में निपाह वायरस की पुष्टि हो गई है। सीधे ब्रेन पर अटैक करने वाले इस खतरनाक वायरस ने दो लोगों की जान ले ली। वहीं चार लोग इससे अब भी संक्रमित हैं। केरल सरकार ने कहा है कि यह बांग्लादेश वाला वेरिएंट है जो कि काफी खतरनाक है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि यह वायरस इंसानों से इंसान में फैलता है। इसके फैलने की रफ्तार कम होती है लेकिन खतरनाक बहुत होता है। इस संक्रमण की मृत्यु दर ज्यादा देखी गई है।
निपाह की नहीं बनी है वैक्सीन
आपको जानकर हैरानी होगी कि कोरोना वायरस की वैक्सीन एक साल में ही तैयार हो गई लेकिन निपाह वायरस की वैक्सीन और दवाई अब तक उपलब्ध नहीं है। यह ब्रेन और नर्वस सिस्टम पर अटैक करता है। इस वायरस की वजह से इंसान बहुत जल्दी कोमा में जा सकता है। तेज बुखार, बदन दर्द, उल्टी इसके लक्षण होते हैं। बताया जाता है कि यह वायरस चमगादड़ों से फैला। 1999 में मलेशिया और सिंगापुर में इस वायरस की पहचान की गई थी।
बांग्लादेश में साल 2016 में निपाह वायरस ने कई जानें ले ली थीं। बताया गया था कि यह वायरस खजूर के फल से फैला। खजूर के पेड़ पर चमगादड़ इकट्ठा हुआ करते थे। इसके बाद कई लोगों ने इस पेड़ के खजूर और तरल का इस्तेमाल किया जो कि बीमार हो गए। यही निपाह का बांग्लादेश वेरिएंट है जो कि केरल में फैल रहा है।
केंद्र सरकार की टीम केरल पहुंची
निपाह वायरस की पुष्टि के बगाद एनआईवी पुणे की टीम केरल पहुंच गई है। कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में एक मोबाइल लैब बनाई गई है। चेन्नई के विशेषज्ञों की एक टीम भी केरल पहुंची है। कोझिकोड प्रशासन ने सात ग्राम पंचायतों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया है। लोगों को मास्क पहनने और सैनिटाजर इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है।