बलिया ट्रक वसूली मामले में फरार थानेदार पन्नेलाल ने गोरखपुर में किया सरेंडर, SOG ने घर से किया गिरफ्तार

बलिया में बिहार बार्डर पर नरही थाना क्षेत्र में ट्रकों से वसूली मामले में फरार चल रहे नरही थानाध्यक्ष पन्नेलाल कन्नौजिया को एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया है. गोरखपुर में गोला थाना क्षेत्र के गांव भरसी निवासी को पकड़ने के लिए रविवार को आजमगढ़ एसओजी पुलिस टीमों के साथ पहुंची थी.

Etv Bharatगोरखपुर। बलिया में बिहार बार्डर पर नरही थाना क्षेत्र में ट्रकों से वसूली मामले में फरार चल रहे नरही थानाध्यक्ष पन्नेलाल कन्नौजिया को एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया है. गोरखपुर में गोला थाना क्षेत्र के गांव भरसी निवासी को पकड़ने के लिए रविवार को आजमगढ़ एसओजी पुलिस टीमों के साथ पहुंची थी. यहां पर पन्नेलाल ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. इसके बाद एसओजी उसे आजमगढ़ ले गई.

बता दें कि 24 जुलाई की रात ADG और DIG की रेड के बाद कुल 18 लोग गिरफ्तार किए गए थे. ट्रकों से पुलिसकर्मियों द्वारा अवैध वसूली की शिकायत पर सीएम योगी के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई. शासन ने एसपी बलिया देव रंजन वर्मा को हटा दिया था. साथ ही एडिशनल एसपी का भी तबादला कर दिया गया. इसी के साथ सीओ को सस्पेंड किया गया है. सीएम योगी ने सीओ, SHO नरही और चौकी प्रभारी काेरंटाडीह की सम्पत्ति के जांच के भी निर्देश दिए हैं. इस मामले में SHO नरही पन्नेलाला मुकदमा दर्ज होने के बाद फरार हो गया था. तब से उसकी तलाश की जा रही थी.

रविवार को एसओजी को सूचना मिली कि फरार थानेदार गोरखपुर में अपने गांव भरसी में मौजूद है. इसके बाद SOG ने गोला और नरही थाना पुलिस के साथ दबिश दी. बताते हैं कि जब टीमें पन्नेलाल के गांव भरसी पहुंची तो वह घर में मौजूद था. हालांकि वह पकड़ में नहीं आया. इससे बाद जब भागने या निकल पाने में सफल नहीं हो पाया तो सरेंडर कर दिया. गोला थानेदार मधुपनाथ मिश्रा का कहना है कि एसओजी टीम को पन्नेलाल के उसके गांव में होने की लोकेशन मिली थी. टीम ने गोला थाने से सहयोग मांगा था. गोला थाने में किसी भी प्रकार का कोई मामला इससे जुड़ा दर्ज नहीं हुआ है.

2012 में दरोगा बना पन्नेलाल: पन्नेलाल 2012 में उत्तर प्रदेश पुलिस में दरोगा बना था. वह अगस्त 2022 से बलिया के नरही थाने पर तैनात था और बीते गुरुवार को निलंबन और मुकदमा दर्ज होने तक वह नरही का थानेदार रहा. उसकी गिरफ्तारी के लिए तीन जिलों की पुलिस को लगाया गया था. इस प्रकरण की जांच आजमगढ़ के एसपी शुभम अग्रवाल को सौंपी गई है. ऐसे में एसओजी टीम आजमगढ़ को बड़ी सफलता पन्नेलाल की गिरफ्तारी के रूप में मिली है. आरोप है कि इंस्पेक्टर पन्नेलाल ट्रकों से अवैध वसूली का बड़ा रैकेट चला रहा था. वसूली से बचने के लिए कुछ ट्रांसपोर्टर ने सीधे पन्नेलाल से संपर्क कर रेट तय किए थे. ऐसे ट्रांसपोटरों को भरौली तिराहा और कोरांटाडीह पुलिस चौकी के सामने नहीं रोका जाता था.

ट्रकों से वसूली मामले में इन पुलिसकर्मियों पर हुई है कार्रवाई : वसूली मामले में थानाध्यक्ष नरही पन्नेलाल और चौकी प्रभारी कोरंटाडीह सहित 3 सब इंस्पेक्टर, 3 हेड कांस्टेबल, 10 कांस्टेबल और एक चालक को निलंबितत किया जा चुका है. निलंबित पुलिसकर्मियों के आवास को सील करते हुए सभी के विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज किया गया है.

पुलिस चला रही थी वसूली गैंग : डीजीपी प्रशांत कुमार को शिकायत मिली थी कि बिहार बॉर्डर पर बलिया पुलिस वसूली गैंग चला रही है. जिसके बाद एडीजी वाराणसी को रेड करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. रेकी करने पर एडीजी और डीआईजी आजमगढ़ को पता चला कि यूपी बिहार सीमा पर बक्सर, बिहार से बलिया में आने वाले ट्रकों से थाना नरही के भरौली तिराहा पर पुलिस कर्मियों द्वारा कुछ दलालों के माध्यम से अवैध वसूली करायी जा रही है. इसके बाद एडीजी पीयूष मोर्डिया और डीआईजी वैभव कृष्ण बीते बुधवार रात करीब डेढ़ बजे पांच टीम के साथ भरौली तिराहे पर पहुंचे, जहां ट्रकों से पुलिसकर्मियों द्वारा की जा रही वसूली की सूचना सही पाई गई. मौके से एक आरक्षी हरदयाल सिंह गिरफ्तार हुआ और एक मुख्य आरक्षी विष्णु यादव, दो आरक्षी दीपक मिश्रा और बलराम सिंह कुल तीन पुलिसकर्मी भाग गए. पुलिस कर्मियों द्वारा प्राइवेट व्यक्तियों को दलाल के रूप में प्रयुक्त कर वसूली की जा रही थी. 16 दलाल भी पकड़े गए.

हर ट्रक पर 500 वसूली : डीजीपी प्रशांत कुमार के मुताबिक दलालों का अपराध करने का तरीका यह था कि बक्सर से आने वाले ट्रकों से पूर्व से सुनियोजित ढंग से बात तय कर लेते थे कि कितने कितने बजे से कितने-कितने बजे तक यह ट्रक यूपी के थाना नरही क्षेत्र में से गुजरेंगे एवं बलिया में इन ट्रकों के प्रवेश करते ही प्रत्येक ट्रक से करीब 500 रुपये हर ट्रक से वसूला जाता था. एक रात्रि में ही अनुमानित 1000 ट्रक बक्सर से बलिया में प्रवेश करते थे. इस प्रकार एक रात्रि में ही इन संगठित गैंग के द्वारा अनुमानित 05 लाख रुपये का अवैध कारोबार फल-फूल रहा था. जांच में पता चला कि दलाल गाड़ियों की संख्या गिनकर उसके हिसाब से पैसा थानाध्यक्ष नरही को देते थे.

किसके किसके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई : थानाध्यक्ष नरही उपनिरिक्षक पन्नेलाल, चौकी प्रभारी कोरण्टाडीह राजेश कुमार प्रभाकर सहित कुल-07 पुलिसकर्मी (मुख्य आरक्षी हरिदयाल सिंह, मुख्य आरक्षी विष्णु यादव, आरक्षी सतीश गुप्ता, आरक्षी दीपक मिश्रा, आरक्षी बलराम सिंह) एवं 16 दलालों के विरूद्ध मुकदमा लिखा गया है. मुकदमे में 02 पुलिसकर्मी आरक्षी हरिदयाल सिंह थाना नरही, आरक्षी सतीश गुप्ता चौकी कोरण्टाडीह और 16 दलाल गिरफ्तार किए गए. दोषी पाए जाने पर थानाध्यक्ष नरही पन्नेलाल को निलम्बित किया गया है.