जिनके नाम पर सांसद बना रावण, उनकी भी मदद नहीं कर रही भीम आर्मी; क्योंकि सुमित की साली की हत्या करने वाला आलम है: पीड़ित से सुनिए क्या होता है मुस्लिम वोट का डर

पिछले हफ्ते जब पूजा की हत्या आलम ने की तब सुमित संगठन के पास मदद के लिए गए, लेकिन वहाँ उन्हें जीरो सपोर्ट मिला।” उन्हें लगता है कि चूँकि उपचुनाव आ रहे हैं इसलिए संगठन ने उनकी मदद नहीं की क्योंकि कोई मुस्लिम वोट नहीं हारना चाहता।

आलम ने की पूजा की हत्यागाजियाबाद में मोहम्मद आलम ने कुछ दिन पहले अपनी लिव-इन पार्टनर पूजा का गला घोंटकर उसे मौत के उतार दिया था। अब इसी मामले में आगे पता चला है कि पूजा, भीम आर्मी के सदस्य सुमित कुमार की साली थी। सुमित ने दावा किया है कि वो दलित संगठन भीम आर्मी के वरिष्ठ सदस्य थे। उनकी साली के साथ जब इतनी बड़ी घटना घटी तो वो संगठन के पास मदद के लिए गए लेकिन वहाँ उन्हें जीरो समर्थन मिला।

ये जानकारी स्वराज्य की वरिष्ठ पत्रकार स्वाति गोयल शर्मा के ट्वीट से सामने आई है। अपने ट्वीट में स्वाति ने इस केस के संबंध में बताया, “8 साल से सुमित कुमार भीम आर्मी के वरिष्ठ सदस्य रहे। एक दलित संगठन जिसके मुखिया सांसद चंद्र शेखर रावण है और इसका नाम भीम राव अंबेडकर के नाम पर रखा गया है। पिछले हफ्ते जब पूजा की हत्या आलम ने की तब सुमित संगठन के पास मदद के लिए गए, लेकिन वहाँ उन्हें जीरो सपोर्ट मिला।”

वह बताते हैं कि घटना के बाद वह आजाद समाज पार्टी के कार्यालय गए, वहाँ उन्होंने अलग-अलग लोगों से बात की लेकिन किसी ने उनकी कोई मदद नहीं की। वो कहते हैं कि उन्हें लगता है कि उनकी मदद इसलिए नहीं की गई क्योंकि चुनाव आ रहे हैं और हो सकता है इलेक्शन की वजह से किसी ने उनका साथ नहीं दिया क्योंकि कोई मुस्लिम वोट नहीं हारना चाहता।

स्वाति गोयल शर्मा ने आगे लिखा- “मैं पूजा के परिजनों से मिली। वो अपने पीछे अपने पहले पति से तीन बच्चे छोड़ गई है। परिवार को उनकी परवरिश के लिए वित्तीय सहायता की जरूरत है।”

हालाँकि पुलिस ने जब आरोपित को पकड़कर पूछताछ की तो उसने बताया कि पूजा और उसका निकाह 6 माह पहले हो चुका था ऐसे में वो आलम पर दबाव बनाती थी कि वो उसी के साथ रहे। एक दिन आलम का बेटा अस्पताल में भर्ती हुआ तो पूजा कहने लगी कि आलम ने उसका हाल नहीं पूछा लेकिन बेटे के पास चला गया। इसी के बाद उनका विवाद हुआ और आलम ने पूजा को बुलाकर सैंट्रो कार में बिठाया, फिर उसा गला चुन्नी से घोंट दिया। बाद में शव नहर में डालकर भाग आया और डरकर थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने जाँच की तो पूरा मामला सामने आया, फिर मोहम्मद आलम को गिरफ्तार किया गया।