बौने साबित हुए तबादला आदेश, दशकों से एक ही जगह जमे हैं नौकरशाह!

वैसे तो सरकारी महकमों में अधिकारियों-कर्मचारियों का तबादला जनहित के लिए की जाने वाली एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन कई विभागों में कुछ जुगाड़ू नौकरशाह ऐसे भी हैं, जिन्हें जिले का नवाबगंज इलाका काफी रास आ रहा है। शायद यही वजह है कि वे दशकों से यहां कुर्सी पर काबिज हैं। या यूं कहें कि अंगद की तरह पांव जमाए हुए हैं। तमाम बार किए गए तबादला आदेश के बाद भी ये अपनी जगह से टस से मस तक नहीं हुए। कुछ तो ऐसे भी हैं जो एक ही विभाग में एक ही स्थान पर दशकों से जमे हुए हैं।

सीडीपीओ रमा सिंह

जिले के नवाबगंज विकास खंड के बाल विकास परियोजना अधिकारी पद पर रमा सिंह की तैनाती वर्ष 2003 में की गई थी। 20 साल से भी अधिक समय से वह एक ही स्थान और एक ही पद पर तैनात हैं। हालांकि, बीच में उनका तबादला चंदौली के लिए हुआ था, लेकिन उन्हें नवाबगंज की आबो हवा कुछ इस कदर रास आई कि दो साल के भीतर ही इन्होंने अपना तबादला दोबारा नवाबगंज करा लिया। बीते दो दशक से वह सीडीपीओ की कुर्सी पर काबिज हैं।

2001 से बाल विकास परियोजना कार्यालय में कनिष्ठ लिपिक पद पर तैनात है इकबाल बाबू

इतना ही नहीं, अब तो इन्हें वजीरगंज का भी कार्यभार सौंप दिया गया है। इनके 21 वर्षों के कार्यकाल को देखें तो क्षेत्र के 162 आंगनबाड़ी केंद्रों में महज 62 ही विभागीय भवनों में संचालित हैं। बाकी 100 केंद्र कहां चल रहे हैं, इसकी जानकारी नहीं है। वहीं दूसरी तरफ इन्हीं के अधीनस्थ कनिष्ठ लिपिक इकबाल भी 2001 में यहां आए थे और अब वह भंडार सहायक का भी कार्य देख रहे हैं। बंटी और बबली की यह जोड़ी दो दशकों से बाल विकास परियोजना कार्यालय में जमी हुई है और एकक्षत्र राज कर रही है।

डॉ. विनियेश त्रिपाठी

2012 से सीएचसी पर तैनात हैं स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी बिपिन त्रिपाठी

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉ. विनियेश त्रिपाठी 2010 में मेडिकल आफीसर बनकर आये थे और 2017 में उन्हें यहीं अधीक्षक बना दिया गया। वहीं, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी के रूप में बिपिन कुमार त्रिपाठी 2012 में सीएचसी पर आये थे। ये दोनों अधिकारी अपने जुगाड़ के बल पर आज भी अपनी कुर्सियों पर काबिज हैं। वर्ष 2022 में बिपिन कुमार का गैर जनपद तबादला भी हुआ था, लेकिन जुगाड़ और रसूख के चलते नवाबगंज छोड़कर स्थानांतरित स्थान पर नहीं गए। इसी तरह सीएचसी अधीक्षक डॉ विनियेश का भी तबादला 28 जून 2024 को हुआ था।

डॉ. बिपिन त्रिपाठी

मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय से जारी आदेश संख्या 499/2024 में डॉ विनियेश का तबादला उनके एक स्थान पर अधिक समय से तैनाती होने के कारण परसपुर सीएचसी के अधीक्षक के रूप में किया गया। दूसरे आदेश संख्या 501/2024 में नवाबगंज सीएचसी का अधीक्षक बाल्य रोग विशेषज्ञ डॉ देवेन्द्र सिंह को बनाया गया। लेकिन विनियेश और बिपिन के जुगाड़ के आगे तबादले के आदेश को भी नतमस्तक होना पड़ा।

बीपीसीएम राजनाथ सावंत भी 2014 से नवाबगंज में ही डटे हुए हैं

इस संबंध में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ देवेन्द्र सिंह ने बताया कि आदेश के बारे में उन्हें भी पता चला था लेकिन कार्यालय से उन्हें आदेश ही नहीं मुहैया कराया गया। इसी विभाग में बीपीसीएम राजनाथ सावंत भी 2014 से नवाबगंज में ही डटे हुए हैं। इनके कार्यकाल में 30 एएनएम सेंटर में 10 आज भी किराये के भवन में संचालित हो रहे हैं। सीएचसी पर दलालों की भरमार है। विभाग के अन्य कर्मचारियों की मानें तो अधीक्षक डॉ विनिवेश अधिकतर सीएचसी से नदारद रहते हैं। आरोप है कि वह नवाबगंज कस्बे के कुछ निजी अस्पतालों में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं।