संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी। जेपीसी ने कुल 44 में से 14 बदलाव किए। इनमें से 10 बदलाव भाजपा नेताओं द्वारा उठाए गए थे, बाकी 4 एनडीए सांसदों द्वारा। विपक्षी सांसदों के एक भी प्रस्ताव पर अमल नहीं किया गया। विपक्षी सांसदों ने बैठक में एनडीए नेताओं की तानाशाही का आरोप लगाया। अब डीएमके सांसद और वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के लिए गठित संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) के सदस्य ए. राजा ने कहा, ‘‘हम निश्चित रूप से सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। द्रमुक जाएगी, मैं खुद जाऊंगा।’’
उन्होंने कहा कि समिति में प्रस्तुत किये गए दस्तावेज और उठाए गए प्रश्न विधेयक के अधिनियमित होने के बाद न्यायालय में इसे चुनौती देने में उपयोगी साबित होंगे। लोकसभा सदस्य ने आरोप लगाया कि पाल ने कार्यवाही को जबरन बाधित किया जो कि एक ‘‘मजाक’’ के अलावा कुछ नहीं है। राजा ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि रिपोर्ट पहले से ही तैयार है।’’
पाल ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने समिति को 36 बैठकों और कई दौरों के माध्यम से सबसे लोकतांत्रिक तरीके से संचालित किया है। सूत्रों ने बताया कि समिति बुधवार की बैठक में अपनी रिपोर्ट स्वीकार करेगी। बैठक में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और एआईएमआईएम जैसे विपक्षी दलों के सदस्य अपनी असहमति जता सकते हैं। उन्होंने कहा कि संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होने जा रहा है और भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सत्र के पहले चरण में विधेयक पारित करा सकता है क्योंकि उसके पास लोकसभा और राज्यसभा दोनों में बहुमत है।