स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर की गैरमौजूदगी में उस्मान ख्वाजा पर भारत के खिलाफ बल्लेबाजी का पूरा दारोमदार है लेकिन भारतीय आक्रमण के सामने ख्वाजा रनों के लिए तरस रहे हैं. आंकड़े भी इस बात की गवाही दे रहे हैं. अब तक ख्वाजा तीन पारियों में 205 गेंदों का सामना कर चुके हैं लेकिन रन केवल 41 ही बना सके हैं. छक्के तो उनके बल्ले से निकले ही नहीं, केवल एक चौका लगा सके हैं. घुटने की चोट के बाद वापसी करने वाले ख्वाजा के फॉर्म में न होने से ऑस्ट्रेलिया की पारी उनके क्रीज पर रहने के दौरान थम सी गई. स्कोर बोर्ड पर रन अटक से गए.
एडिलेड टेस्ट की बात करें, तो पहले टेस्ट की पहली पारी में उस्मान ख्वाजा 125 गेंदों में केवल 28 रन बना सके. दूसरी पारी में तो उनका बल्ला बिल्कुल भी नहीं चला और 42 गेंदों में केवल 8 रन बना पाए. पर्थ टेस्ट की पहली पारी भी ख्वाजा के लिए खुशी लेकर नहीं आई. पहली पारी में 38 गेंदों में केवल 5 रन अपने खाते में जोड़ सके. ऐसा लगा जैसे वह रंग में नहीं हैं. भारतीय गेंदबाजों ने उनके सामने बहुत उम्दा गेंदबाजी की लेकिन वह एक भी ढंग का शॉट नहीं लगा सके. यहां तक कि स्ट्राइक को भी रोटेट नहीं कर सके. 205 गेंदें अभी तक खेल चुके हैं लेकिन केवल एक ही बाउंड्री लगा पाए हैं. यह चौका भी उन्होंने एडिलेट टेस्ट में बुमराह की गेंद पर लगाया था.
रन नहीं बन पाने के दबाव में विकेट भी गंवाया. एडिलेड टेस्ट की दूसरी पारी में, ख्वाजा ने एक लंबा शॉट लगाया लेकिन डीप कवर पर कैच दे बैठे. पर्थ में ऐसी गेंद पर कैच दे बैठे जो शॉट खेलने के लिए कॉफी वाइड नहीं थी. पहले टेस्ट में, आर. अश्विन ने उन्हें दोनों बार आउट किया. दोनों बार हड़बड़ी में ख्वाजा विकेट गंवा बैठे. खासकरके अराउंड द विकेट लाइन पर वह बिल्कुल असहाय नजर आए. पर्थ टेस्ट में आज उमेश यादव ने उन्हें अपना शिकार बनाया. यह गेंद उन्होंने अराउंड द विकेट ही डाली थी. ख्वाजा इसका कोई तोड़ नहीं निकाल पाए.
2017-18 एशेज सीरीज को याद करें, तो ख्वाजा ने शुरुआत में रन बनाए थे लेकिन इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने जल्द ही अराउंड द विकेट की रणनीति निकाल ली और उसमें सफलता भी पाई. ख्वाजा पांच बार इंग्लैंड की तेज गेंदबाजी के सामने आउट हुए लेकिन उसमें से चार बार दाएं हाथ के गेंदबाजों ने अराउंड द स्टंप से गेंदबाजी करके उन्हें अपना शिकार बनाया. बाद में ख्वाजा पूरी सीरीज में 25 की औसत से रन बना सके.
एशेज सीरीज में, उन्होंने तेज गेंदबाजों की अराउंड द विकेट से डाली गई 121 गेदों का सामना किया और केवल 15 रन बना सके. एडम गिलक्रिस्ट को 2005 में जब तेज गेंदबाजों ने इसी लाइन से गेंद डालकर परेशान किया तो उन्हें तत्काल की इसकी काट निकाल ली थी लेकिन ख्वाजा अभी तक ऐसा नहीं कर पाए हैं.