नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में भारतीय सुरक्षाबलों के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है. पुलवामा जिले के खारपारो इलाके के सिरनू में हुई मुठभेड़ में भारतीय सुरक्षाबलों मोस्ट वॉन्टेड आतंकी जहूर ठोकर को मार गिराया है. इसके साथ ही इस मुठभेड़ में 2 और आतंकी मारे गए है. मारे गए दोनों अन्य आतंकियों के नाम अदनान वानी और जहूर अहमद उर्फ ताहिर हिज्बी है. इस मुठभेड़ में 1 जवान के शहीद होने और दो जवानों के घायल होने की खबर है. सेना, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस ने मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है. मारे गए सभी आतंकी हिजबुल मुजाहिद्दीन के हैं और एनकाउंटर अभी भी जारी है.
ताज़ा जानकारी के मुताबिक मुठभेड़ स्थल पर स्थानीय लोगों द्वारा सुरक्षाबलों पर पत्थबाजी की गई, जिसके बाद हुई फायरिंग में करीब 8 लोगों के मारे जाने की सूचना है. 50 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 9 लोगों ऐसे हैं जिन्हें गोलियों के गंभीर घाव लगे हैं.
बताया जा रहा है कि जम्मू कश्मीर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की ज्वाइंट टीम ने इस एनकाउंटर को अंजाम दिया है. दरअसल सुरक्षाबलों कोआतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी. जिसके बाद सेना और सीआरपीएफ की टीम ने लोकल पुलिस के साथ मिलकर इलाके की घेराबंदी की. आतंकियों की तलाशी के दौरान हुई फायरिंग के बाद यहां एनकाउंटर शुरू हो गया.
सेना के कैंप से AK-47 लेकर भागा था जहूर
जुलाई 2017 में जहूर ठोकर जम्मू-कश्मीर में सेना के कैंप से हथियारों के साथ फरार हुआ था. जहूर अहमद ठोकर पुलवामा में टेरिटोरियल आर्मी का जवान था. जहूर एके-47 और करीब तीन मैगजीन लेकर रफू चक्कर हो गया था. यह घटना बारामुला के गंटमुला स्थित कैम्प में हुई थी.
जहूर सेना की यूनिट को चकमा देकर फरार हुआ था. ठोकर पुलवामा का रहने वाला है. जहूर अहमद ठोकर बारामुला के गंटमुल्ला इलाके में स्थित सेना की इकाई से फरार हुआ था. सुरक्षा अधिकारियों को अंदेशा था कि जहूर आतंकवादी संगठनों में शामिल हो सकता है.
इससे पहले भी घाटी में जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों के हथियार लेकर फरार होने और उनके आतंकी संगठनों में शामिल होने के मामले सामने आए हैं. मई 2017 में जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक कॉन्स्टेबल चार रायफल लेकर फरार हो गया था. इस घटना के एक दिन बाद आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन ने दावा किया था कि पुलिस कॉन्स्टेबल उनके संगठन के साथ जुड़ गया है.