नई दिल्ली। टीम इंडिया के ओपनर केएल राहुल की खराब फॉर्म बदस्तूर जारी है. वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट (Perth test) में बुरी तरह फ्लॉप रहे. राहुल इस मैच की पहली पारी में दो रन बनाकर बोल्ड हुए थे. पहली पारी में उन्हें जोश हेजलवुड ने चलता किया था. दूसरी पारी में उन्हें मिचेल स्टार्क ने पैवेलियन का रास्ता दिखाया. वे जब आउट हुए तब भारत का खाता भी नहीं खुला था. 287 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया की इससे बुरी शुरुआत शायद ही हो सकती थी.
केएल राहुल के दोनों पारियों में आउट होने में एक समानता रही. वे दोनों ही बार बोल्ड हुए. दूसरी पारी में जब मिचेल स्टार्क ने उन्हें बोल्ड किया, तब वे थोड़ा कन्फ्यूज नजर आए. वे यह तय नहीं कर पाए कि उन्हें गेंद खेलनी है या छोड़नी है. इसी कारण उन्होंने पहले गेंद खेलने की कोशिश की, फिर आखिरी वक्त पर बल्ला हटा लिया. लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. गेंद उनके बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर गिल्लियां बिखेर गई.
Oh, what a start with the ball for the Aussies!#AUSvIND | @Toyota_Aus pic.twitter.com/9P169hJXsi
— cricket.com.au (@cricketcomau) December 17, 2018
13 पारियों में 11 बार बोल्ड या एलबीडब्ल्यू हुए
ऑस्ट्रेलिया के माइकल क्लार्क ने पहले टेस्ट मैच के दौरान कहा था कि केएल राहुल, विराट कोहली के बाद भारत के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज हैं, जो क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में फिट हो सकते हैं. हालांकि, राहुल ना तो अपने कप्तान विराट कोहली और ना ही विरोधी टीम के पूर्व कप्तान के भरोसे खरे उतर हैं. सबसे दिलचस्प बात यह है कि वे पिछली 13 पारियों में 11 बार बोल्ड या एलबीडब्ल्यू हुए हैं. इनमें से भी सात बार वे बोल्ड हुए हैं. इससे उनकी तकनीक पर सवाल उठाए जा रहे हैं.
राहुल ने अपनी आखिरी पारी खेल ली है
केएल राहुए के आउट होने के बाद उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल होना पड़ा. नाराज प्रशंसकों ने तो यह तक लिख दिया कि राहुल अपनी आखिरी पारी खेल चुके हैं. एक अन्य यूजर ने लिखा कि कुछ साल के लिए राहुल को टेस्ट क्रिकेट से प्रतिबंधित कर देना चाहिए.
एंग्रीरवि नामक एक यूजर ने लिखा, ‘केएल राहुल को प्लेइंग-11 में शामिल करना अपराध है. वे ना सिर्फ खुद फेल हो रहे हैं, बल्कि देश को भी नीचा दिखा रहे हैं. यदि हम हारते हैं तो इसके लिए कोच रवि शास्त्री और विराट कोहली को भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए.’
2018 में बेहद खराब रिकॉर्ड
केएल राहुल ने इस साल 12 टेस्ट मैचों की 22 पारियों में एक शतक और एक अर्धशतक की मदद से 468 रन बनाए हैं. इस दौरान उनका औसत 22.28 रहा. ये रिकॉर्ड उनके करियर के ओवरऑल रिकॉर्ड के मुकाबले बेहद खराब हैं. 26 साल के राहुल 33 खेल चुके हैं. उन्होंने इन मैचों की 55 पारियों में 35.77 की औसत से 1896 रन बनाए हैं. इसमें 5 सेंचुरी और 11 हाफ सेंचुरी शामिल हैं. उनका पूरा रिकॉर्ड भी उनकी अनियमितता का सबूत है.