ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे और आखिरी टेस्ट मैच में भारत इतिहास रचने से महज एक जीत दूर है. सीरीज में 2-1 से आगे चल रही टीम अगर सिडनी में जीती या मैच ड्रॉ भी किया तो यह ऑस्ट्रेलिया में किसी भी भारतीय क्रिकेट टीम की पहली टेस्ट सीरीज जीत होगी. लेकिन, कप्तान विराट कोहली इस ‘इतिहास’ को ज्यादा तवज्जो देते नहीं नजर आ रहे हैं.
साल 2015 में महेंद्र सिंह धोनी के टेस्ट से संन्यास लेने के बाद विराट ने एससीजी मैदान से ही भारतीय टीम की कप्तानी संभाली थी और उनके पास इसी मैदान पर इतिहास रचने का मौका है.
इन तीन सालों में विराट ने भारत को टेस्ट में दुनिया की नंबर-1 टीम बनाया है और अब वह ऑस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट सीरीज जीतने का इतिहास रचने से बस एक जीत दूर हैं. भारत चार मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-1 से आगे है.
विराट ने मैच से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अगर हम ऐसा कर पाते हैं तो यह एक बड़ी सीरीज जीत होगी क्योंकि यह वह जगह है जहां से हमने बदलाव की शुरुआत की थी. जब एमएस (धोनी) ने हमें कप्तानी सौंपी थी तो उस समय हम पूरी तरह से एक युवा टीम थे जिसने विश्व रैंकिंग में नंबर-6 और 7 से आगे का सफर शुरू किया था.”
उन्होंने कहा, “अब हम फिर नंबर-1 टेस्ट टीम हैं. हम इस लय को आगे भी जारी रखना चाहते हैं और उसी तरह की क्रिकेट खेलना चाहते हैं जैसी कि हमने अब तक इस सीरीज में खेली है.”
यह पूछे जाने पर कि क्या टीम इस बात को दिमाग में रखकर मैदान में उतरेगी कि वह पहली बार सीरीज जीतने जा रही है, भारतीय कप्तान ने कहा, “यदि मैं ईमानदारी से कहूं तो यह इतिहास बदलने को लेकर नहीं है. हम इसलिए यह मैच जीतना चाहते हैं क्योंकि एक क्रिकेटर के नाते हम यह समझते हैं कि यहां तक आना और खेलना कितना मुश्किल है.”
भारत ने सिडनी टेस्ट के लिए टीम में रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव के रूप में तीन स्पिनरों को शामिल किया है. हालांकि अश्विन का अभी भी खेलना तय नहीं माना जा रहा है. तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा चोट के कारण बाहर हो गए हैं और बल्लेबाजी में रोहित शर्मा अपनी बेटी की जन्म के कारण वापस स्वदेश लौट गए हैं.
विराट ने अपनी टीम पर भरोसा जताते हुए कहा, “हमने हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है. आप देख सकते हैं कि सभी खिलाड़ियों की शारीरिक भाषा हमेशा से सकारात्मक रही है.”