भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज के आखिरी टेस्ट के दूसरे दिन लंच तक टीम इंडिया ने अपनी स्थिति बहुत मजबूत कर ली है. टीम इंडिया ने पहले दिन का अंत 4 विकेट के नुकसान पर 303 रनों से किया था जिसमें चेतेश्वर पुजारा ने शानदार 130 रनों की नाबाद पारी रही. उनका साथ हनुमा विहारी ने 39 रन बनाकर बखूबी दिया. इसके बाद दूसरे दिन भी विहारी ने अपना विकेट जल्द नहीं गंवाया लेकिन वे दिन के 12वें ओवर में ही अपना विकेट गंवा बैठे. विहारी की 42 रनों की पारी काफी उपयोगी रही. उन्होंने आउट होने से पहले पुजारा के साथ 101 रनों की साझेदारी की.
पहले दिन टीम इंडिया की स्थिति दूसरे सत्र तक काफी अच्छी थी. पुजारा और कप्तान विराट कोहली क्रीज पर थे और टीम का स्कोर 2 विकेट के नुकसान पर 177 रन था. लेकिन तीसरे सत्र के पहले ओवर में विराट कोहली आउट हुए और उपकप्तान अजिंक्य रहाणे (18) भी ज्यादा देर पुजारा का साथ नहीं दे सके और टीम के 228 के स्कोर पर आउट हो गए. टीम इंडिया की स्थिति मजबूत तो थी लेकिन उस समय टीम को एक साझेदारी की जरूरत थी जो रहाणे के आने के बाद हनुमा विहारी ने पूरी की.
बहुत मजबूत स्थिति में नहीं था भारत विहारी के आने के समय
विहारी पारी के 71वें ओवर में आए थे. उस समय पुजारा बढ़िया फॉर्म में थे और तेजी से रन भी बना रहे थे. लेकिन वे अपने शतक के करीब थे. ऐसे में एक और विकेट पुजारा पर दबाव बना सकता था. यहां विहारी ने अपना विकेट बचाने पर ही जोर नहीं दिया. उन्होंने सफलतापूर्वक ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों का सामना किया और उनकी बाउंसर्स का भी, जिनकी वजह से वे मेलबर्न में आउट हुए थे. विहारी ने यहां केवल डिफेंसिव बल्लेबाजी ही नहीं की. अपनी तीसरी ही गेंद पर उन्होंने मिचेल स्टार्क को शानदार चौका भी लगाया.
विहारी का रहा पहले दिन ऐसा योगदान
विहारी ने दिन का खेल खत्म होने तक अपना विकेट बचाने के साथ शानदार 39 रन भी बनाए, तब तक पुजारा ने अपना शतक पूरा करते हुए 130 रन बना लिए थे. इस तरह दोनों ने टीम का स्कोर पहले दिन ही 300 के पार कर दिया. दूसरे दिन विहारी ने रन बनाने की जल्दी नहीं दिखाई. ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज जानते थे कि पुजारा को आउट करना मुश्किल होगा. उन्होंने विहारी को टार्गेट किया. विहारी ने दिन के 12 ओवर अपना विकेट बचाए रखा लेकिन वे नाथन लॉयन का शिकार बन गए. लॉयन की गेंद पर एक महीन कट लगा और गेंद उनके कंधे से लग कर उछली और उन्हें लैबुशेन ने लपक लिया. विहारी ने तुरंत रीव्यू लिया, लेकिन उसमें भी वे आउट ही करार दिए गए.
अपनी उपयोगिता साबित की
आउट होने तक विहारी पुजारा के साथ 101 रनों की साझेदारी कर चुके थे. जबकि टीम का स्कोर 329 रन हो चुका था. विहारी ने टीम को काफी मजबूत स्थिति में कर दिया और एक बार फिर टीम में अपनी अहमियत साबित कर दी. विहारी ने अब तक चार टेस्ट की 7 पारियों में अब तक 167 रन बनाए हैं जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर 56 रन है. इन में एक मैच में वे सलामी बल्लेबाज के तौर पर भी खेल चुके हैं.