नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में सरकार बदलते ही अपराध और अपराधियों का तरीका भी बदल गया है. महज एक सप्ताह में हुई 4 राजनीतिक हत्याओं और बीजेपी नेताओं पर हमलों का मामला जोर-शोर से उठ रहा है. रविवार को बड़वानी में भाजपा के मंडल अध्यक्ष मनोज ठाकरे को बेरहमी से हत्या के बाद अब इसकी गूंज दिल्ली तक सुनाई दे रही है. बीजेपी ने इन हत्याओं को राजनीतिक करार दिया है और इसके खिलाफ वह सड़कों पर उतर आई है.
कब और कैसे हुई बीजेपी नेताओं की हत्याएं
रविवार को बड़वानी में भाजपा के मंडल अध्यक्ष मनोज ठाकरे को बेरहमी से मार डाला गया. वह सुबह की सैर पर निकले थे तभी उनकी पत्थरों से कुचलकर हत्या कर दी गई. मनोज के चेहरे पर चोट के गंभीर निशान मिले हैं. शव के पास खून से सना हुआ पत्थर भी मिला था. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. अभी हत्यारों के बारे में कुछ पता नहीं चल पाया है.
रविवार शाम को ही गुना में परमाल कुशवाह नामक युवक को गोली से उड़ा दिया गया, यह युवक भारतीय जनता पार्टी के पालक संयोजक शिवराम कुशवाह का रिश्तेदार था. बीजेपी गुना के इस हत्याकांड में कांग्रेस का हाथ बता रही है.
गुरुवार शाम को मंदसौर नगर पालिका के दो बार अध्यक्ष रहे बीजेपी के नेता प्रहलाद बंधवार की सरे बाजार गोली मारकर हत्या कर दी गई. पालिका अध्यक्ष बंधवार शाम करीब सात बजे जिला सहकारी बैंक के सामने स्थित भाजपा नेता लोकेंद्र कुमावत की दुकान पर बैठे थे. जैसे ही वह बाहर निकले, बुलेट पर सवार एक बदमाश ने पास आकर उनके सिर पर गोली मार दी थी. कोई कुछ समझ पाता, इससे पहले हमलावर बुलेट छोड़कर भाग गया. माना जा रहा है कि हत्यारा पेशेवर शूटर हो सकता है.
बुधवार शाम को इंदौर में कारोबारी और बीजेपी नेता संदीप अग्रवाल को सरेआम गोलियों से भून दिया गया, आज तक हत्यारों को अता पता नहीं. इंदौर शहर के सबसे व्यस्ततम चौराहे पर पुलिस थाने से सिर्फ 100 कदम की दूरी पर शहर के चर्चित हाई प्रोफाइल बिल्डर पर अज्ञात हमलावरों ने कई गोलियों से हमला किया था. इसके बाद बिल्डर को गंभीर अवस्था में इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान ही संदीप अग्रवाल की मौत हो गई.
इन हत्याओं को लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान भी ट्वटिर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कांग्रेस सरकार को चेतावनी भी दी कि अगर इन घटनाओं पर अंकुश नहीं लगा तो बीजेपी के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आएंगे.