नई दिल्ली। 2014 के चुनाव में ईवीएम हैंकिग का दावा करने वाले सैयद शुज़ा की पोल 24 घंटे के अंदर ही खुल गई है। वहीं ईवीएम को लेकर लंदन में किये गये दावों के बाद सवाल उठाने वाली कांग्रेस अब बैकफुट पर नज़र आ रही है। इस बीच इलेक्शन कमीशन ने भी सैयद शुज़ा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है, वहीं ईवीएम बनाने वाली कंपनी ने हैकर के दावों की हवा निकाल दी है।
चुनाव आयोग ने मंगलवार को सैयद शूजा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी। इलेक्शन कमीशन की शिकायत पर पुलिस ने शूजा के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। वहीं ईसीआईएल ने साफ कर दिया कि सैय्यद शूजा नाम के किसी शख्स ने कभी उसके साथ काम नहीं किया। लंदन में शुज़ा ने दावा किया था कि वो उस टीम का हिस्सा था जिसने ईवीएम डिज़ाइन की थी।
ईसीआईएल ने बयान जारी कर कहा, ‘’कपंनी ने अपने रिकॉर्ड चेक कर ली है और ये पता चला है कि सैय्यद शुज़ा न कभी ईसीआईएल का कर्मचारी था और न ही वो 2009 से 2014 के बीच ईवीएम की डिज़ाइनिंग और प्रोडक्शन टीम का हिस्सा था।‘’
सैयद शुज़ा ने यह भी दावा किया था कि गोपीनाथ मुंडे ईवीएम हैकिंग के बारे में जानते थे इसलिए उनका मर्डर किया गया जबकि गोपीनाथ मुंडे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बताया गया कि कार क्रैश के दौरान शॉक से उनको हार्ट अटैक आया था, उनको कोई बाहरी चोट नहीं लगी, इसलिए हैकर का ये दावा भी फेल हो गया कि मुंडे की मौत एक्सीडेंट नहीं बल्कि मर्डर था।
उधर बीजेपी ने आरोप लगाया कि लंदन में हैकेथॉन का जो इवेंट ऑर्गनाइज हुआ वो कांग्रेस का पॉलिटिकल स्टंट था। लंदन की प्रेस कांफ्रेंस में कपिल सिब्बल भी थे और जब सवालों की बौछार तेज़ हुई तो मंगलवार को उन्होंने मान लिया कि लंदन में ईवीएम हैकेथॉन आयोजित करने वाले आशीष रे उनके दोस्त हैं और वो उनके बुलावे पर लंदन गए थे। सैयद शुज़ा के इतने झूठ सामने आने के बाद भी कपिल सिब्बल जांच की मांग करते रहे।
हैंकिग का दावा करने वाले सैयद शुज़ा के दावों की हर तरफ से पोल खुल रही है। शुज़ा ने अभी तक कोई सबूत सामने नहीं रखा है लेकिन कांग्रेस झिझकते हुए ही सही शुज़ा के दावों के सहारे सरकार को घेरने में लगी है। इस बीच इंडियन जर्निलिस्ट एसोसिएशन की तरफ से ट्वीट किया गया कि इस शख्स का एक भी दावा सही नहीं पाया गया। यानी खुद आयोजकों को हैकर की बात पर यकीन नहीं है।