लखनऊ\नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के अब तक 37 जवान शहीद हो चुके हैं. इसके अलावा कई जवान घायल हैं. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है. जिस आतंकी ने इस हमले को अंजाम दिया उसका नाम आदिल अहमद डार है. देश की शान और मान के लिए अपनी जान न्योछावार करने वाले 44 शहीद जवानों में से 12 उत्तर प्रदेश के सपूत हैं. देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों में दो बिहार और तीन राजस्थान के लाल भी शामिल हैं.
पुलवामा में गुरुवार को हुए आतंकी हमले में उत्तर प्रदेश के 12 सपूत शहीद हो गए हैं. इनके शहीद होने की सूचना जैसे ही जवानों के घरों तक पहुंची, उनके गांव में कोहराम मच गया. जिलों के प्रशासनिक अफसरों ने भी शहीदों के परिवारों के बीच पहुंचकर ढांढस बंधाने का काम किया. सूबे के लोगों में आतंकियों के इस कायराना हरकत को लेकर काफी आक्रोश नजर आ रहा है. उत्तर प्रदेश के प्रधान सचिव गृह अरविंद कुमार ने मौतों के आंकड़ों की पुष्टि की है.
उत्तर प्रदेश के 12 जवान शहीद
पुलवामा में हुए आंतकी हमले में उत्तर प्रदेश के 12 जवान शहीद हुए हैं. चंदौली के शहीद अवधेश कुमार, इलाहाबाद के शहीद महेश कुमार, शामली के शहीद प्रदीप, वाराणसी के शहीद रमेश यादव, आगरा के शहीद कौशल कुमार यादव, उन्नाव के शहीद अजीत कुमार, कानपुर देहात के शहीद श्याम बाबू और कन्नौज के शहीद प्रदीप सिंह ने अपनी जान देश के लिए न्योछावर कर दी.
बिहार के दो जवान शहीद
पुलवामा आतंकी हमले में बिहार के 2 सपूत भी शहीद हो गए हैं. पटना के तारेगना निवासी हेड कांस्टेबल संजय कुमार सिन्हा और भागलपुर के कहलगांव निवासी रतन कुमार ठाकुर इनमें शामिल हैं. भागलपुर के शहीद रतन ठाकुर का परिवार मूल रूप से कहलगांव के आमंडंडा थाना के रतनपुर गांव का रहने वाला है.
राजस्थान के तीन सपूत शहीद
पुलवामा में गुरुवार को हुए फिदायीन हमले में शहीद हुए जवानों में राजस्थान के 3 सपूत भी शामिल हैं. इनमें कोटा के हेमराज मीणा, शाहपुरा के रोहिताश लांबा और धौलपुर के भागीरथ सिंह शहीद हुए हैं. रोहिताश लांबा अमरसर थाना इलाके के गोविंदपुरा के निवासी थे और वे 2 साल पहले ही सेना में भर्ती हुए थे.