टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने पुलमावा में शहीद जवानों के परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि वर्ल्ड कप में पाकिस्तान से मैच को लेकर देश की सरकार और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) जो फैसला लेंगे, वह हमें मंजूर होगा.
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत के पूर्व क्रिकेटर मांग कर रहे हैं कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना बंद कर देना चाहिए. कई खिलाड़ी हालांकि विरोधी देश के साथ खेलने के समर्थक हैं. इसी बीच विराट कोहली का कहना है कि हम देश और बीसीसीआई के साथ खड़े हैं. सरकार और बोर्ड जो भी निर्णय लेते हैं, हम उसका सम्मान करेंगे.
#WATCH Virat Kohli on Ind Vs Pak in World Cup says, "Our sincere condolences to the families of CRPF soldiers who lost their lives in #PulwamaAttack. We stand by what the nation wants to do and what the BCCI decides to do." pic.twitter.com/gjyJ9qDxts
— ANI (@ANI) February 23, 2019
वहीं, भारतीय लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल का मानना है कि पुलवामा जैसे आतंकी हमलों को खत्म करने के लिए देश को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने हालांकि यह कहने से इनकार कर दिया कि पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप मैच का बहिष्कार किया जाना चाहिए या नहीं. चहल ने कहा, ‘‘इसे एक बार में ही खत्म कर देना चाहिए. हम इसे और बर्दाश्त नहीं कर सकते.’’
पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए थे जो जम्मू-कश्मीर में पिछले 30 साल में सबसे घातक आतंकी हमला है. इस बीच मांग उठने लगी है कि भारत को 30 मई से इंग्लैंड में होने वाले विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेलने से इनकार कर देना चाहिए.
हरभजन सिंह, सौरव गांगुली और और युजवेंद्र चहल जैसे खिलाड़ियों ने जहां पाकिस्तान के पूर्ण बहिष्कार की मांग की है. वहीं, गावस्कर ने गुरुवार को कहा था कि अगर भारत अगर 16 जून को पाकिस्तान के खिलाफ नहीं खेलने का फैसला करता है तो यह उसकी हार होगी.
दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने कहा, ‘‘भारत ने विश्व कप में हमेशा पाकिस्तान के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया है. अब फिर से उन्हें हराने का समय है. मैं निजी तौर पर उन्हें दो अंक देना पसंद नहीं करूंगा क्योंकि इससे टूर्नामेंट में उन्हें मदद मिलेगी.” उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मेरे लिये भारत सर्वोपरि है और मेरा देश जो भी फैसला करेगा मैं तहेदिल से उसका समर्थन करूंगा.’’
शुक्रवार को भारतीय क्रिकेट को संचालित करने वाली प्रशासकों की समिति ने कोई फैसला नहीं करने का निर्णय किया.