नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार को सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार की अर्जी पर सुनवाई के लिए स्पेशल बेंच गठित करने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने बताया कि फिलहाल राजीव कुमार की अर्जी पर सुनवाई के लिए तीन जजों की स्पेशल बेंच का फिलहाल गठन नहीं किया जा सकता. ऐसे में राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर तलवार लटक रही है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते राजीव कुमार गिरफ्तारी पर एक हफ्ते के लिए रोक लगाई थी, जिसकी मियाद शुक्रवार को खत्म हो रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार को अग्रिम जमानत के लिए निचली अदालत जाने को कहा था लेकिन पश्चिम बंगाल में वकीलों की हड़ताल के चलते राजीव कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर 7 दिन के लिए और गिरफ्तारी पर रोक को बढ़ाने की मांग की थी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के चीफ सेक्रेटरी मलय डे, डीजीपी वीरेंद्र कुमार के खिलाफ अदालत की अवमानना के मामले को बंद करने से इंकार कर दिया था.
सीबीआई ने राजीव कुमार से पूछताछ के बाद स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राजीव कुमार के खिलाफ सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट में किए खुलासे बहुत गम्भीर है, लेकिन चूंकि रिपोर्ट सीलबंद कवर में है, लिहाजा कोर्ट के लिए कोई आदेश करना सही नहीं करेगा. कोर्ट ने सीबीआई को 10 दिनों के अंदर उचित एप्लीकेशन दायर करने को कहा था. कोर्ट ने राजीव कुमार को 10 दिनों के अंदर सीबीआई की अर्जी पर जवाब देने को कहा था. कोर्ट ने कहा था कि हम कोई अंतिम राय बनाने से पहले दोनों पक्षों को सुनेंगे.
गौरतलब है कि सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पेश होने का निर्देश दिया था. पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार शिलांग में सीबीआइ के सामने पेश होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की अवमानना याचिका पर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, डीजीपी औरकोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को अवमानना नोटिस जारी किया था.