नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सभी दलों के अध्यक्षों की बैठक बुलाई है. इस बैठक के तीन प्रमुख एजेंडे हैं. पहला ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर सभी की सहमति बने. दूसरा 2022 में आजादी के 75वें वर्ष के जश्न की तैयारी और तीसरा महात्मा गांधी के इस साल 150वीं जयंती वर्ष को मनाने को लेकर चर्चा. लेकिन बैठक से पहले कांग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी दलों के अध्यक्षों ने साफ कर दिया है कि वे बैठक में नहीं आएंगे. पार्टी के एक सूत्र ने बताया कि कांग्रेस इस बैठक में शामिल नहीं होगी क्योंकि एक राष्ट्र, एक चुनाव के विचार से वह सहमत नहीं है.
पीएम मोदी ने उन सभी दलों के प्रमुखों को बैठक के लिए आमंत्रित किया है जिनके लोकसभा या राज्यसभा में सदस्य हैं. पीएम मोदी की अध्यक्षता में बैठक दोपहर 3 बजे संसद भवन परिसर में शुरु होगी. पीएम कल सभी सांसदों को दिल्ली के अशोका होटल में पार्टी भी देंगे.
बैठक और नेताओं का रुख
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बीएसपी अध्यक्ष मायावती, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, टीडीपी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू और डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन पीएम की बैठक में नहीं आएंगे.
हालांकि मायावती, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, स्टालिन और कांग्रेस अपने प्रतिनिधि को भी बैठक में नहीं भेजेगी. अरविंद केजरीवाल, चंद्रबाबू नायडू, केसीआर बैठक में अपने प्रतिनिधि को भेजेंगे. वहीं एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने खुद पीएम की बैठक में जाने का फैसला किया है.
ममता की दलील
बीजेपी की धुर विरोधी ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव जैसे संवेदनशील और गंभीर विषय पर इतने कम समय में जवाब देने से इस विषय के साथ न्याय नहीं होगा. इस विषय को संवैधानिक विशेषज्ञों, चुनावी विशेषज्ञों और पार्टी सदस्यों के साथ विचार-विमर्श की आवश्यकता है.’’
उन्होंने लिखा, ‘‘मैं अनुरोध करूंगी कि इस मामले पर जल्दबाजी में कदम उठाने के बजाय, आप कृपया सभी राजनीतिक दलों को इस विषय पर एक श्वेत पत्र भेजें जिसमें उनसे अपने विचार व्यक्त करने को कहा जाए. इसके लिए उन्हें पर्याप्त समय दिया जाए. यदि आप ऐसा करते हैं, तभी हम इस महत्वपूर्ण विषय पर ठोस सुझाव दे पाएंगे.’’
मायावती ने कही ये बात
बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक देश में चुनाव कभी कोई समस्या नहीं हो सकती है और न ही चुनाव को कभी धन के व्यय-अपव्यय से तौलना उचित है। देश में ’एक देश, एक चुनाव’ की बात वास्तव में गरीबी, महंगाई, बेरोजबारी, बढ़ती हिंसा जैसी ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्याओं से ध्यान बांटने का प्रयास और छलावा मात्र है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद तो पीएम मोदी की बैठक में शामिल नहीं होंगे लेकिन उन्होंने आप नेता राघव चड्ढा को भेजने का फैसला किया है. वहीं टीडीपी की तरफ से जयदेव गल्ला बैठक में जाएंगे.