राँची। राँची की अदालत ने ऋचा भारती वाले मामले में दिया गया ‘कुरान बाँटने’ वाला आदेश वापस ले लिया है। अदालत ने यह निर्णय इस केस की जाँच कर रहे इन्वेस्टीगेशन अधिकारी के निवेदन पर लिया। बता दें कि सोशल मीडिया पर ऋचा भारती द्वारा की गई ‘आपत्तिजनक टिप्पणी’ को लेकर राँची की अदालत ने उन्हें अजीबोगरीब शर्त लगा कर जमानत दी थी। अदालत ने जमानत देते हुए कहा था कि ऋचा को 15 दिनों के भीतर कुरान शरीफ की पाँच प्रतियाँ बाँटनी होंगी।
ऋचा ने इस शर्त को मानने से इनकार कर दिया था और कहा था कि आज अदालत उन्हें कुरान बाँटने को कह रही है, कल को इस्लाम मज़हब अपनाने को भी कहा जा सकता है। ऋचा ने पूछा था कि क्या कभी किसी अदालत ने किसी आरोपित को रामायण या भगवद्गीता बाँटने को कहा है? अब राँची की अदालत ने अपना आदेश वापस ले लिया है।
राँची के वकीलों ने भी इस निर्णय का विरोध किया। देश के कई अन्य वकीलों ने भी ऋचा को मदद की पेशकश की थी। उनके घर के बाहर हिन्दू संगठनों नेताओं की लाइन लगी रही व कई लोगों ने ऋचा के पिता को फोन कर अपना समर्तहन जताया। अब तमाम विरोधों के बाद राँची की अदालत ने अपना निर्णय वापस ले लिया है।