उन्नाव। भाजपा से निष्कासित बाहुबली विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में शुक्रवार को दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। दोषी विधायक पर 25 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है, जिसमें से 10 लाख पीड़िता को बतौर मुआवजा देने होंगे, जबकि 15 लाख रुपये अभियोजन पक्ष को मिलेंगे। विधायक को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने से लेकर सजा होने तक के पूरे घटनाक्रम में विधायक के भाई ही बहुत हद तक जिम्मेदार रहे। गांव के लोगों का कहना है कि अगर दुष्कर्म पीड़िता के पिता को उनके भाई ने बेरहमी से पीटा नहीं होता तो शायद विधायक को यह दिन नहीं देखना पड़ता। गांव के बुजुर्गों का तो यहां तक कहना है कि भाइयों को बचाना ही विधायक की बर्बादी का कारण बन गया।
दरअसल, विधायक राजनीतिक पहुंच और पकड़ के सहारे अपने भाइयों की दबंगई और उनके गलत कार्यों पर पर्दा डालते रहे। यहां तक अपर पुलिस अधीक्षक को गंगाघाट थाना क्षेत्र में विधायक के भाई ने गोली मार दी थी। उस मामले की फाइल तक गायब करा दी गई, मामला आज तक दबा पड़ा। कानपुर में विधायक के भाई ने गोली कांड किया उस मामले में भी कुछ नहीं हुआ। हत्या के मामले में जेल में बंद विधायक के भाई अतुल सिंह 4 अप्रैल को दुष्कर्म पीड़िता के पिता को गांव में बेरहमी से पीटा। इस मामले में भी विधायक ने भाई को बचाने का प्रयास किया। विधायक रसूख के आगे पुलिस नतमस्तक हुई और पीड़िता के पिता को ही जेल भेज दिया।
सात अप्रैल 2018 को न्यायालय के लिए पीड़िता ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया। उधर दूसरे दिन 8 अप्रैल को जिला कारागार में दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हालत बिगड़ी। उसे जिला अस्पताल लाया गया जहां उसकी मौत हो गई। पिता की मौत के बाद न्याय के लिए पीड़िता व उसके परिवार ने आवाज उठाई तब विधायक के भाई अतुल सिंह पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। उसके दूसरे दिन 9 अप्रैल, 2018 को विधायक के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हुआ। गांव के लोगों का कहना है कि यह कुछ मामले तो वह हैं जो रिकार्ड में दर्ज हैं। भाइयों के कृत्यों पर पर्दा डालने में विधायक रसूख का प्रयोग करते रहे आज वहीं उनकी सियासत के लिए ग्रहण बन गया।
माखी दुष्कर्म कांड में कब क्या हुआ
- 4 अप्रैल 2018 : दुष्कर्म पीड़िता के पिता को पीटा गया, पुलिस ने घायल के विरुद्ध रिपोर्ट लिख अस्पताल भेजा।
- 5 अप्रैल 2018 : अस्पताल से पीडि़ता के घायल पिता को जेल भेजा गया।
- 7 अप्रैल 2018 : विधायक, उसके भाई व अन्य पर मुकदमा दर्ज करने की मांग कर पीड़िता ने सीएम आवास के सामने आत्मदाह का प्रयास किया।
- 8 अप्रैल 2018 : दुष्कर्म पीड़िता के पिता को जेल से अस्पताल लाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
- 9 अप्रैल 2018 : विधायक के भाई अतुल सिंह व अन्य पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया।
- 10 अप्रैल 2018 : विधायक कुलदीप सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज और हत्या के मामले में विधायक के भाई अतुल गिरफ्तारी।
- 11 अप्रैल 2018 : एसआइटी ने माखी गांव जाकर मामले की जांच की और रिपोर्ट सीएम को सौंपी।
- 12 अप्रैल 2018 : विधायक व सह आरोपित शशि सिंह के विरुद्ध सीबीआई ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया।
- 13 अप्रैल 2018 : रात को सीबीआइ ने विधायक कुलदीप सिंह को गिरफ्तार किया।
- 14 अप्रैल 2018 : सीबीआइ द्वारा विशेष पॉक्सो कोर्ट में विधायक को पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेजा गया।
- 15 अप्रैल 2018 : सीबीआइ ने विधायक को रिमांड पर लिया।
- 28 अप्रैल 2018 : रिमांड पूरी होने के बाद विधायक को जिला कारागार उन्नाव भेजा गया।
- 8 मई 2018 : विधायक कुलदीप सिंह को उन्नाव जेल से सीतापुर भेजा गया।
- 28 अगस्त 2019 : चाचा से मिलने रायबरेली जेल जाते समय पीड़िता की गाड़ी का एक्सीडेंट हुआ, जिसमें पीड़िता और उसका वकील गंभीर घायल हुए, जबकि उसकी चाची और मौसी की मौत हो गई थी।
- उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया और मामलों की सुनवाई दिल्ली की तीसहजारी कोर्ट में करने का आदेश दिया।
- जिस पर आरोपित विधायक को सीतापुर से दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया।
- 26 अक्टूबर 19 : को विधायक के भाई मनोज सेंगर की मौत हो गई।
- 16 दिसंबर, 19 : कुलदीप सिंह सेंगर को नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने दोषी करार दे दिया।